अमरावती

नये साल में जीएसटी बढाएगी परेशानियां

व्यापारियों को रहना होगा सतर्क

अमरावती/दि.28 – साल 2017 में जीएसटी लागू की गई थी. तब टैक्स प्रणाली में सरलता होने की उम्मीदें जागी थी. किंतु जीएसटी प्रणाली में हर दिन हो रहे बदलाव के चलते इसकी सरलता जटीलता में परिवर्तित होती जा रही है. टेक्सटाईल और फूटवियर में वृद्धि का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर होगा.
साथ ही छोटे व्यापारियों का व्यापार प्रभावित होगा. अभी 1 हजार कीमत तक जो दरें 5 प्रतिशत थी वह अब 1 जनवरी से 12 प्रतिशत कर दी गई है. जिसका विरोध हो रहा है.

* स्थानीक स्वराज संस्थाओं को भी देना होगा जीएसटी
स्थानीक स्वराज संस्था जिसमें ग्रामपंचायत से लेकर महानगरपालिका तक में साफ-सफाई, स्वास्थ्य जलवितरण जैसी सेवाएं जीएसटी मुक्त थी. किंतु अब उनका समावेश भी जीएसटी में कर दिया गया है. उसी तरह सरकारी काम में सभी प्रकार से लगने वाली जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है.

* जीएसटी आर 1 नहीं तो टैक्स का माजरा नहीं
अब जीएसटी आर 1 समय में भरना अनिवार्य किया गया है. अन्यथा खरीददार को टैक्स का के्रडीट नहीं मिलेगा. जीएसटीआर 2अ/2इ मेें दिखने वाले कर की छुट ही ले पाएंगे. तिमाही रिटर्न एवं प्रतिमाह भुगतान (क्यूआरएमपी) इस योजना के तहत रिटर्न भरने वालों को बिल दाखिल करने की सुविधा (आईएफएफ) दी गई है. जिसमें बिल का विवरण प्रतिमाह देना ऐच्छिकता अब सभी को आर 1 भरना जरुरी हो गया है. जब तक विक्री दर पोर्टल पर सेल का विवरण नहीं डालता तब तक उसका के्रडीट नहीं मिल पाएगा.

* जीएसटीआर 1 में दर्शायी रक्कम की वसूली के अधिकार
जीएसटी आर 1 में कर की दर्शायी रक्कम अब स्वयं कर निर्धारण माना जाएगा और उस कर की राशि का भुगतान समयावधि में नहीं करने पर जीएसटी अधिकारी को वसूली करने के अधिकार दिये गये है. ऐसे में बगैर कोई कारण दिखाओ नोटिस के अधिकारी कभी भी आपके आस्थापना पर वसूली हेतु आ सकेगे. यदि आपने पिछले माह का जीएसटी आर 3इ नहीं भरा तो आप अगले माह का जीएसटी आर 1 नहीं भर पाएंगे.

* व्यापारी ई वे बिल का संभ्रम दूर करें
महाराष्ट्र राज्य अंतर्गत बिक्री 1 लाख रुपए के उपर और अंतर राज्य विक्री 50 हजार रुपए होने पर वे इ वे बिल बनाना जरुरी है. उसमें किसी भी प्रकार की छूट नहीं है. केवल मानव चलित वाहन जैसे रिक्षा, कटला को इसमें छूट दी गई है. शहर के अंतर्गत भी यदि आप ऑटों से माल भेजते है तो आपको इ वे बिल की अनिवार्यता रहेगी. कानून में बदलाव यह प्रक्रिया का एक भाग है. किंतु कानून जटील नहीं होने चाहिए. अब व्यापारियों को किसी से भी व्यापार करने से पहले सतर्क रहना जरुरी है.

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