मेलघाट/दि.17 – भारत मेें बसने के लिए आ रहे 8 विदेशी मेहमानों के लिए घास का मैदान विदर्भ के मेलघाट निवासी ग्रासमैन ने किया हैं. प्रा. गजानन मुरतकर ने मध्यप्रदेश के कुनो-पालपुर जंगल में लगातार 8 वर्ष परिश्रम कर 344 वर्ग किलोमीटर में चीतों के गिले अनुकूल घास मैदान तैयार किया हैं. जिसमें मेलघाट बाघ प्रकल्प के कर्मचारियों ने उनका साथ दिया. मुरतकर ने बताया कि, 2012 में जब यह जिम्मेदारी दी गई थी. तब यहां शेरों को लाया जाना था. चूंकि शेरों को लाने की योजना रद्द हो गई. फिर चीतों के लिए यह क्षेत्र अनुकूल पाया गया. अब चीतें रहेंगे. उन्हें कांटे नहीं चुभेंगे, ऐसी घास बनाई गई हैं.
* चुनौतीपूर्ण काम
प्रा. मुरतकर ने बताया कि, श्योपुर और मुरैना जिले में 344 वर्ग किमी पर घास का मैदान कुरन क्षेत्र तैयार करने के लिए चुना गया. वहां घना जंगल था. जंगल को घास के मैदान में बदलना चुनौतिपूर्ण रहा. तीनों मौसम के लिए कुनो-पालपुर का वातावरण चीतों हेतु बढीया है. कुरन क्षेत्र सर्वाधिक प्रमाण में विकसित हो गया हैं. यहां नदी भी हैं तथा अन्य प्राणियों की संख्या भी काफी हैं. बाघ, शेर सहित कई प्राणी रात में शिकार करते है. जबकि चीते दिन के शिकारी होते हैं. उन्हें कोई परेशानी न हो, इसलिए यह विशेष कुरन क्षेत्र तैयार किया गया हैं.
* छोडेंगे बाडे में
चीतों के लिए एक बडा बाडा बनाया गया हैं. आज सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस उपलक्ष्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में 3 चीतों को विशेष बाडे में छोडकर योजना का शुभारंभ किया गया. कुनो-पालपुर जंगल में चीतल, सांबर, जंगली सुअर, खरगोश सहित प्राणी बडी मात्रा में हैं.