किसानों को जैविक निंबोली का उपयोग संबंध में मार्गदर्शन
श्री संत शंकर महाराज कृषि महाविद्यालय का आयोजन
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कृषि दूत अक्षय जांगडा ने किया प्रात्याक्षिक
अमरावती/प्रतिनिधि दि.९ -नांदगांव खंडेश्वर तहसील के सावनेर के किसानों को जैविक कीटनाशक निबोली अर्क का उपयोग करने के संबंध में मार्गदर्शन किया गया. उपस्थित किसानों को कृषिदूत अक्षय अनिल जांगडा ने प्राचार्य सी. यू. पाटिल, प्रा. चिमोटे, प्रा. बोंदरे, प्रा. कोरे की उपस्थिति में मार्गदर्शन किया.
ग्रामीण कृषि कार्यानुभव कार्यक्रम अंतर्गत सावनेर के किसानों को निंबोली अर्क प्रक्रिया, फवारणी और उनका महत्व इस विषय पर संत शंकर महाराज कृषि महाविद्यालय के सातवे सत्र के प्रात्याक्षिको का एक भाग के रूप में विद्यार्थियों ने मार्गदर्शन किया. फिलहाल की स्थिति में रसायनिक खादों के अतिरिक्त उपयोग के कारण जमीन की उपजाऊ कम होकर कीट रोग का प्रभाव बढ जाने से उत्पादन खर्च में वृध्दि हो रही है. इस पर प्रतिबंधात्मक उपाय के रूप में सस्ते में मिलनेवाले नैसर्गिक जैविक कीटनाशक निंबोली अर्क कैसे तैयार करे. इस संबंध में कृषि दूत अक्षय जांगडा ने उपस्थित किसानों के सामने प्रात्याक्षिक करके दिखाया. निंबोली अर्क का प्रभाव अमेरिकन बोंड इल्लियां, पत्ते खराब करनेवाले , डिंठल खराब करनेवाली इल्लिया, गोबी पर इल्लियां, फल की मख्खी अनेक कीट पर पडता है.
किसानों के इस मार्गदर्शन में शिविर में गजानन ठोसरे, राजू बारसे, नाना नाना रामटेके, राजेन्द्र आगले, रंजना ठोसर, भूमिका डवरे, राजकन्या बारसे, शांताबाई इंगले, विलास इंगले, सुमित ठोसरे की उपस्थिति थी. शिविर को सफल बनाने के लिए सपना चांदने, अमर ठोसरे इन विद्यार्थियों ने प्रयास किए.