अमरावती

मित्र कीटक व शत्रु कीटक संबंध में मार्गदर्शन

कीटनाशक का प्रयोग कम करने का आवाहन

अमरावती/दि. 20 – शाकाहारी कीटक किसानों का सबसे बड़ा शत्रु होता है. वे किसानों की फसल पर जीते है और पारदर्शी रंग के होने से छिप जाते हैे उसी के विपरित मासाहारी कीटक किसानों की फसल को खानेवाले कीटको का भक्षण करके किसानों की मदद करते है तथा मित्रता निभाते है. परंतु वे चटक रंग के होने से वही मारे जाते है. फसल की सुरक्षा करने के लिए किसान कीटनाशक फवारनी करते है. जिसके कारण शत्रु कीटक में जहर प्रतिरोधक क्षमता बढती है और मित्र कीटक नहीं के समान होते है. किसानों को जैसे फसल पर कीटक दिखे तो वैसे ही वे अलग अलग प्रकार के कीटनाशक फवारनी करते है वे यह नहीं जानते कि वे मित्र कीटक है या शत्रु कीटक यही किसानों को समझाने के लिए मारोतराव वादाफले कृषि महाविद्यालय यवतमाल में ग्रामीण कृषि कार्यानुभव कार्यक्रम के अंतर्गत सातवे सत्र के कृषि छात्रा ने अंकिता अतुलराव शेंडे ने निंबोली में किसानों को मित्र कीटक व शत्रु कीटक की पहचान कराई.
उसने बताया कि मित्र कीटक किसानों के उत्पादन बढाने में सहायता करते है. वे नुकसानदायक कीडी की अपेक्षा वे आकार से छोटे होते है. वे कीट पर बैठकर उन्हें धीरे-धीरे मारते है. जिसमें कुछ कीटक ट्रिकोग्रमा, नोबिस, ओरीयास, वस्प, लाडीबिर्ड बीतल, इस पिरिकोनिक ऐसे उसी प्रकार ट्रिको कार्ड का किस तरह उपयोग करे वह बताया. ट्रिकॉ कार्ड लगाने के फायदे व बताए. फसल सुरक्षा कीटनाशक की तुलना मेें कम खर्च में होती है. कीटनाशक का उपयोग कम करे. ऐसा आवाहन किया. इस कार्यक्रम में गांव के सरपंच कैलाश कोकरडे, उपसरपंच दीपक शेंडे, पूर्व सरपंच अतुल शेंडे, पुुलिस पाटिल सुरेखा कदम अन्य किसान उपस्थित थे.

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