‘परिवार की आपात परिस्थिति से कैसे निपटा जाए’ विषय पर मार्गदर्शन
सीए कविता लोया, डॉ.रत्ना चांडक एवं डॉ. वर्षा देशमुख की उपस्थिति
अमरावती/दि.20- आज की आपाधापी की जीवन शैली में हम हमारे परिवार के आर्थिक नियोजन एव आपदाओं से निपटने के लिए जीवनसाथी को जरूरी कानूनी जानकारी से हम अवगत नहीं कराते है. जिसका खामियाजा उसे उनमें से एक के बिछड़ जाने के बाद भुगतान पड़ता है. जीवन की अनिश्चितता को समझते हुए इन सब बातों की जागरूकता परिजनों को मिले इस दृष्टिकोण से सीए ब्रांच अमरावती,अमरावती चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, अमरावती मैनेजमेंट एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में सातुर्ना स्थित सीए भवन में मार्गदर्शन का सफल आयोजन किया गया.
तीन सत्र में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रारंभ में सीए अमरावती ब्रांच के अध्यक्ष सीए विष्णुकांत सोनी ने उपस्थितों का स्वागत करते हुए वाइस चेयरमैन सीए अनुपमा लढ्ढा के परिकल्पना की सराहना की पश्चात चेम्बर अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने प्रास्ताविक किया. अमरावती मैनेजमेंट के अध्यक्ष सीए मयूर झंवर ने आयोजन का उद्देश्य विशद किया. नागपुर की सुपरिचित सीए फर्म लोहिया बागड़ी की संचालिका सीए कविता लोहिया ने परिवार के आर्थिक नियोजन की महत्ता विशद करते हुए उसके आर्थिक पहलू पर प्रकाश डाला. जैसे कर्ज कितना लेना कोनसे उद्देश्य से लेना ,ईएमआई का आय से किस तरह तालमेल रखना.भविष्य के लिए निवेश के विविध पहलू मसलन प्रोपर्टी , एलाईपी पीपीएफ, आभूषण में निवेश का अनुपात क्या होना चाहिये.फाइनांशियल डिसिप्लिन को समझाते हुए वुमेन्स प्रोटेक्शन एक्ट की जानकारी उन्होंने प्रदान की. तथाअकोला लॉ कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. रत्ना चांडक ने परिवार के कानूनी सज्ञान इस विषयपर मार्गदर्शन करते हुए बहुत ही सुंदर उदाहरण देकर समझाया कि जिस तरह परिणय सूत्र में बंधते वक्त सात फेरों के साथ सात वचन लिए जाते है उसी तरह पारिवारिक सतर्कता के लिए और जीवनसाथी को सशक्त करने के लिए इन सात बातों को ध्यान में रखना चाहिए. मैरेज सर्टिफिकेट, आर्थिक व्यवहार की हर जानकारी जीवनसाथी के साथ साझा करना, नॉमिनी (कर्ता व्यक्ति) को जोड़ना, वसीयत और बटवारे के दस्तावेज बनाना, हर खाता जॉइंट तथा प्रॉपर्टी भी संयुक्त रहनी चाहिए, लीविंग विल (डॉक्टर की सलाह से) तयार करना, आवश्यक सर्टिफिकेट मसलन डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन एव लीगल हेयर की अनिवार्यता इन सात बातों को ध्यान में रखना चाहिए. उन्होंने कई उदाहरण देकर विस्तृत जानकारी दी. सत्र दौरान डॉ. पंजाबराव देशमुख विधि महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. वर्षा देशमुख ने दिल से दिल की बात इस विषय की गहराई को समझाया जीवन साथी में आपसी संवाद कितना जरूरी है. परिवार में पाल्यों का अपने पालकों के प्रति क्या कर्तव्य है. अत्याचार घरेलू हो या फिर इमोशनल, सामाजिक, आर्थिक हो उसके लिए कायदे के प्रावधान क्या है? इस बारे में उन्होंने संबोधन किया. कार्यक्रम का संचालन सीए नीता झंवर ने किया एवं आभार सीए दीप्ति राठी ने व्यक्त किया.
कार्यक्रम में ब्रांच के पूर्व चेयरमैन सीए पवन जाजू, सीए सुनील सलामपुरिया, सचिव सीए साकेन मेहता, सीए मधुर झंवर, डॉ. नितिन सेठ, करण वर्मा, पूर्वा वर्मा, डॉ. पल्लवी माण्डवगड़े, मधुर लढ्ढा, सीए कपिल लुल्ला, सीए रितिका लुल्ला, सीए मयूरी भट, सीए कोमल सिकची, सीए शीतल शेवतकर, पूनम राजेश राठी, मीनाक्षी सिकची, रेखा कलंत्री, सीए अपूर्वा सोनी, सीए शीतल लाहोटी, रोशनी सोनी, डॉ रीमा झवर, पीयूष निबजिया, डॉ.शैला निबजिया, शीतल देशमुख, प्रीति देशमुख, सुनील सिकची, सीए गुंजन अग्रवाल, सुभाष गजभिये आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.