गुप्ता, भारतीय व गडरेल की भाजपा से ‘हकालपट्टी’
पार्टी ने 6 साल के लिए किया निष्कासित
* पूरे राज्य में 40 बागियों को किया गया निलंबित
अमरावती/दि.6 – जारी विधानसभा चुनाव हेतु जिले के 3 निर्वाचन क्षेत्रों में महायुति प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत करते हुए अपने नामांकन दाखिल करने वाले भाजपा के जगदीश गुप्ता, तुषार भारतीय व एड. प्रमोदसिंह गडरेल इन 3 नेताओं को भाजपा द्वारा अगले 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. पार्टी के प्रदेश कार्यालय सचिव मुकूंद कुलकर्णी द्वारा बीती शाम जारी किये गये पत्र में पार्टी से निष्कासित किये गये 40 नेताओं के नामों की सूची जारी की गई. जिसमें अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से बगावत करने वाले पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से बगावत करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता तुषार भारतीय तथा अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र से बगावत करने वाले एड. प्रमोदसिंह गडरेल के नामों का भी समावेश है. इसके साथ ही आज पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी नागपुर में एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के बागी प्रत्याशियों को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित किये जाने की पुष्टि की.
ज्ञात रहे कि, भाजपा सहित महायुति द्वारा विधानसभा चुनाव हेतु राज्य की सभी 288 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा किये जाते ही कई स्थानों पर भाजपा पदाधिकारियों ने अपना निर्वाचन क्षेत्र भाजपा की बजाय महायुति के किसी घटक दल के हिस्से में छोडे जाने या फिर खुद की बजाय किसी अन्य व्यक्ति को प्रत्याशी बनाये जाने से नाराज होकर पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था. ऐसे में 4 नवंबर को नामांकन वापसी का अंतिम दिन रहने के चलते पार्टी ने अपने सभी बागी प्रत्याशियों को समझा-बुझाकर उनकी बगावत को शांत करने का प्रयास करना शुरु किया. जिसके चलते कई निर्वाचन क्षेत्रों में बागी प्रत्याशियों ने अपने कदम व नामांकन पीछे भी ले लिये, लेकिन 37 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे भी रहे, जहां से भाजपा के 40 पदाधिकारियों ने अपनी बगावत व दावेदारी को कायम रखा. जिसके चलते अब पार्टी ने ऐसे पदाधिकारियों को पार्टी का अनुशासन भंग करने की वजह के चलते अगले 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
भाजपा द्वारा पार्टी से निष्कासित किये गये पदाधिकारियों में पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता (अमरावती), तुषार भारतीय (बडनेरा), प्रमोदसिंह गडरेल (अचलपुर), गजानन महाले (अकोट), नागेश धोपे (वाशिम), श्रीकांत करले व सोपान पाटिल (धुले ग्रामीण), मयूर कापसे व अश्विन सोनवने (जलगांव शहर), सोमदत्त कारंजेकर (साकोली), शंकर मडावी (आमगांव), ब्रजभूषण पाझारे (चंद्रपुर), वसंत वरजुरकर (ब्रह्मपुरी), राजू गायकवाड व ऐहतेशाम अली (वरोरा), भाविक भगत व नटवरलाल उंतवल (उमरखेड), वैशाली देशमुख व मिलिंद देशमुख (नांदेड उत्तर), दिलीप कंदकुर्ते, सुनील मोरे व संजय घोगरे (नांदेड दक्षिण), सतीश घाटगे (घनसावंगी), अशोक पांगारकर (जालना), सुरेश सोनवने (गंगापुरे), एकनाथ जाधव (वैजापुर), कुणाल सूर्यवंशी (मालेगांव बाह्य), आकाश सालुंके व जयश्री गरुड (बागलान), हरीश भगत (नालासोपारा), स्नेहा पाटिल (भिवंडी ग्रामीण), वरुण पाटिल (कल्याण पश्चिम), गोपाल जवेरी (मागाठणे), धमेंद्र ठाकुर (जोगेश्वरी पूर्व), दिलीप भोईर (अलिबाग), बालासाहेब मुरकुटे (नेवासा), शोभा बनशेट्टी (सोलापुर शहर उत्तर), सुनील बंडगर (अक्कलकोट), सुवर्णा पाचपुते (श्रीगोंदा), विशाल परब (सावंतवाडी) का समावेश है.
बता दें कि, जारी विधानसभा चुनाव दौरान महायुति के तीनों घटक दलों में अच्छी खासी बगावत दिखाई दी. जिसमें भी भाजपा में बगावत करने वालों की संख्या सबसे अधिक है. जिसके चलते दो दिन पहले ही भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बागियों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिये थे और अब राज्य के 37 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 40 बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जिसके तहत पार्टी के आदेश की अनदेखी करते हुए अनुशासन भंग करने की वजह को आगे कर इन नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. भाजपा द्वारा उठाये गये इस कदम के बाद सभी की निगाहे इस ओर लगी हुई है कि, महायुति में शामिल एकनाथ शिंदे व अजीत पवार द्वारा ने अपनी-अपनी पार्टियों के बागी नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.