अमरावती

‘गुरु-शिष्य परंपरा’ नाट्य मंचन के मार्मिक द़ृश्यों ने किया मंत्रमुग्ध

अमर शहीद संत कंवरराम साहिब की जयंती महोत्सव पर आयोजन

अमरावती/दि. २१– अमर शहीद संत कंवरराम साहिब जयंती महोत्सव पर संत कंवरराम धाम जरवार में संतों, महापुरुषों की प्रमुख उपस्थिति में तथा हजारों दर्शकों की उपस्थिति में संत कंवरराम साहिब के गद्दीनशीन चतुर्थ ज्योत संत साईं राजेशलाल ‘कंवर’ के सानिध्य में सिंधुडी यूथ विंग, नागपुर के कलाकार दो अंकी नाटक ‘संत कंवरराम : गुरु-शिष्य परंपरा’ का सफल मंचन किया गया. नाटक के लेखक किशोर लालवानी तथा निर्माता निर्देशक तुलसी सेतिया थे. सूत्रधार हरीश माईदासानी, प्रीति केवलरामानी थे.नाटक में संत कंवरराम का जन्म, बालक कंवरराम द्वारा चने बेचना, संत सतरामदास से मुलाकात, संत सतरामदास को गुरु बनाना, उनसे शिक्षा-दीक्षा लेना, सेवा करना, अंत समय में संत सतरामदास द्वारा अपनी शक्तियां प्रदान करना, संत कंवरराम द्वारा लोगों को भक्ति से जोडना, दानशीलता से गरीबों असहायों की नम्रता पूर्वक सहायता कर उनका मसीहा बनना. इसके अलावा संत कंवरराम साहिब के परम शिष्य संत बाबा आसूदाराम साहिब, संत बाबा हरदासराम साहिब व संत साईं दीवान करमचंद साहिब के प्रसंगों को सुंदर ढंग से दर्शाया. नाटक में परसराम चेलाणी (संत कंवरराम), गुरमुख मोटवाणी (पिता ताराचंद), डॉ. मीरा जारानी (माता तीरथदेवी), पवन चेलाणी (बालक कंवरराम), किशोर लालवाणी (संत सतरामदास), तुलसी सेतिया (फकीर), परमानंद कुकरेजा, सेवादारी, धनेश हासीजा जलगांव, (बाबा हरदासराम), दिनेश केवलरामानी (संत आसूदाराम), राकेश कारडा उल्हासनगर (संत साईं पेशूराम),भरत गंगवानी (सेवादारी), नरेश डेंबला (संत दीवान करमचंद), किशोर लालवाणी (साईं मनोहरलाल), किशन मोरडिया (साईं राजेशलाल) की भूमिका निभाई. लाइट इफेक्ट्स साईं कमल जज्ञासी , रिकॉडिर्ंग पवन तिवारी, डॉ. विजय मदनानी, मेकअप नकूल श्रीवास, ग्राफिक्स विराज सेतिया का था.

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