अमरावतीमहाराष्ट्र

गुरूदेव निर्माण महोत्सव की शुरूआत धर्मग्रंथों के पारायण से

शिवधारा आश्रम में आयोजन

अमरावती/ दि. 19-सिंधु नगर स्थित पूज्य शिवधारा आश्रम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 18 मार्च मंगलवार से 1008 सदगुरू स्वामी शिवभजन जी महाराज जी का निर्वाण महोत्सव धर्मग्रंथों के पाठ पारायण से प्रारंभ हुआ. इस अवसर पर विशेष तौर पर संध्याकालीन सत्र में मुंबई से पधारे जतिन विनोद अग्रवाल जी ने कृष्णाभाव भजन गाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया. भक्तों ने खूब आनंद प्राप्त किया.
उल्लेखनीय है कि, संध्याकालीन 7 बजे से शिवधारा सर्वदेव आरती से कार्यक्रम शुरू हुआ. सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. जतिन विनोद अग्रवाल जी ने कृष्णभक्ति में लीन होकर सबको हरि भक्ति से जोडने का प्रयास किया. इस अवसर पर लक्की भगत और निंबाडा राजस्थान से प धारे शिवम भक्त ने खूब आनंद दिलाया. पहले दिन के कार्यक्रम में साई राजेशलाल जी कंवर एवं पूना पिंपरी से पधारे साई सोनू राम जी ने भी सबको दर्शन दिया. इस अवसर पर प. पू. संत डॉ. संतोष देव जी महाराज ने अपने गुरूदेव भगवान के जीवन चरित्र पर सत्संग करते हुए कहा कि, जो अपने गुरूदेव भगवान के जीवन काल में सानिध्य में रहे हैं, उनको अपने गुरूदेव भगवान की महिमा, उनकी कृपा के संदर्भ में स्मृतिया गहन रहती है और विशेष तौर पर उनके निर्वाण तिथि उनके लिए बहुत भावुक दिन रहता है, क्योंकि किसी भी संत की तीन तिथियां विशेष रूप से संसार बनता है.
एक उनका जन्मदिन, दूसरा उनको जब साक्षात्कार हुआ और जिन संतों ने यह बात दूसरों को बतानी चाही वह और तीसरी उनके निर्वाण की तिथि. कहा जाता है कि,संत जब शरीर में रहते हैं तो कहीं तो भी कई मर्यादाओं के कारण एक सीमा में रहते हैं, लेकिन जब वह शरीर त्यागते हैं तो असीमता की यात्रा पर निकलते हैं, जिसके फल स्वरूप में एक ही समय पर कईयों को अनुभूतियां होती है और कईयों पर कृपाएं बरसती है. महाराज श्री ने 19 मार्च, बुधवार के कार्यक्रम के संदर्भ में बताया कि, विशेष तौर पर उल्हास नगर में साई कालीराम जी, अहमदाबाद से साई जगदीश लाल जी, इंदौर से साई गुरूचरण दास जी, चक्कर भाटा से साई किशनदास जी अपना दर्शन व आशीर्वचन के माध्यम से सब पर कृपा बरसाएंगे. विशेष बात यह कि, तीनों दिन महाप्रसाद चालू रहेगा. जिसका लाभ लिया जा सकता है, ऐसा निवेदन शिवधारा परिवार ने किया है.

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