अमरावती

गुरूजी को जांच के लिए टीईटी प्रमाणपत्र जमा करना होगा

शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र की हो रही जांच

अमरावती/दि.9 – राज्य में फरवरी 2013 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र की जांच-पडताल की जा रही है. जिसके जरिये बोगस प्रमाणपत्रों की सहायता से नौकरी प्राप्त करनेवाले शिक्षकों की खोजबीन की जायेगी. इसके लिए महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद द्वारा प्रयास शुरू किये गये है और संबंधित शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्र मंगाये गये है. जिसके चलते जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षा विभाग की ओर से 59 तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से 31 ऐसे कुल 91 टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों के मुल प्रमाणपत्र जांच हेतु भेजे गये है.
बता दें कि, टीईटी परीक्षा में कुछ गडबडियां उजागर होने के बाद राज्य परीक्षा परिषद की उपायुक्त शैलजा दराडे टीईटी प्रमाणपत्रों की जांच करने के आदेश जारी किये थे. वर्ष 2018 के पश्चात परीक्षा में गडबडियां सामने आने के चलते अब वर्ष 2013 के बाद हुई परीक्षाओं में उत्तीर्ण सभी उम्मीदवारों के प्रमाणपत्र जांचे जायेंगे.

  • 6,091 – जिले में कुल शिक्षक
  • 4,958 – प्राथमिक शिक्षक
  • 2,143 – माध्यमिक शिक्षक

अब तक 91 प्रमाणपत्र जमा

राज्य में पैसे देकर टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने टीईटी प्रमाणपत्रों की जांच करने का निर्णय लिया है. जिसके अनुसार प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग परीक्षा परीषद के पास 91 शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्रों को जांच हेतु प्रस्तुत किया है.

क्यों हो रही है जांच

– राज्य में पैसे देकर टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के कई मामले सामने आये है. जिसके चलते शिक्षा विभाग ने टीईटी प्रमाणपत्रों की जांच करने का निर्णय लिया है.
– गलत रास्तों का प्रयोग करते हुए टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करनेवाले कई अभ्यर्थियों की विविध शालाओं में नियुक्ति होने का संदेह शिक्षा विभाग को है. जिसके चलते अब शालाओें में नियुक्त शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है.

शिक्षकों की जान सांसत में

राज्य परीक्षा परिषद के आयुक्त तुकाराम सुपे द्वारा टीईटी परीक्षा घोटाले में करोडों रूपये कमाये जाने का मामला उजागर होते ही सरकार ने सुपे के कार्यकाल दौरान जारी हुए सभी टीईटी प्रमाणपत्रों की जांच करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय की वजह से कई शिक्षकों की नींदे उडी हुई है. सुपे घोटाले में शामिल कुछ शिक्षकों को अब अपना भांडा फुटने का भी डर सता रहा है.

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