अमरावती/ दि. 19- जिला परिषद के ग्रामीण इलाकों की प्राथमिक शालाओं में गरीब और आम नागरिकों के पाल्य शिक्षा लेते है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लेते समय प्रशासन द्बारा इन शालाओं की इमारतों की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है. वर्तमान में जिले के ग्रामीण इलाकों की 183 शालाओं की स्थिति काफी भयावह है. इन शालाओं ेमें अपने पाल्य कैसे भेजना, ऐसा प्रश्न पालकों की तरफ से उपस्थित किया जा रहा है.
जिले की शाला 30 जून से शुरू हो रही है. जीर्ण शालाओं की दुरूस्ती को लेकर शाला व्यवस्थापन समिति, ग्राम पंचायत व पालकों की तरफ से समय-समय पर प्रयास किए जा रहे है. शाला दुरूस्ती के लिए शासन की तरफ से आवश्यक निधि प्राप्त होना जरूरी है. यह निधि उपलब्ध न होने से नादुरूस्त शाला अब खतरनाक अथवा जोखिमभरी हो गई है. इन शालाओं की इमारतें ढहकर अनर्थ हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन ? ऐसा प्रश्न पालकों की तरफ से उपस्थित किया जा रहा है. जिले में हर वर्ष जोरदार बारिश होती है, ऐसी स्थिति में कुल 332 शालाएं नादुरूस्त है. जीर्ण अवस्था की शाला इमारतों के कारण विद्यार्थियों की जान को खतरा निर्माण होने की संभावना है. शिक्षा विभाग को 77 शाला की 93 कक्षाओं की दुरूस्ती के लिए 10.23 करोड निधि प्राप्त हुई है. इससे शाला दुरूस्त की जायेगी.
शालाओं को दुरूस्त किया जायेगा
ग्रामीण इलाकों की शालाओं की दुरूस्ती के लिए निधि की मांग का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है. 77 शालाओं की 93 कक्षाओं की दुरूस्ती के लिए 10.23 करोड की निधि मिली है. इस निधि से शाला दुरूस्ती के काम किए जायेंगे.
प्रिया देशमुख, शिक्षाधिकारी
तहसील निहाय नादुरूस्त शाला
तहसील नादुरूस्त शाला
अमरावती 15
भातकुली 23
नांदगांव 22
चांदुर रेलवे 10
धामणगांव रेलवे 10
चांदुर बाजार 18
तिवसा 04
वरूड 21
मोर्शी 14
धारणी 15
चिखलदरा 11
अचलपुर 31
अंजनगांव 06
दर्यापुर 13