अमरावती

दो मिनट के लिए नि:शब्द हुई गुरूकुंज नगरी

लाखों गुरूदेव भक्तों ने राष्ट्रसंत को दी मौन श्रध्दांजलि

गुरूकुंज नगरी में उमडा अपार जनसागर
विदेशी मेहमानों ने भी देखा नयनाभिराम समारोह
गुरूकुंज मोझरी-/दि.15  अश्विन वद्य पंचमी की तिथी पर कल शुक्रवार 14 अक्तूबर को गुरूकुंज मोझरी में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज को उनके 54 वें पुण्यतिथी अवसर पर लाखों गुरूदेव भक्तों द्वारा मौन श्रध्दांजलि अर्पित की गई. जिसके चलते गत रोज शाम ठीक 4.58 बजे अगले दो मिनट के लिए गुरूकुंज परिसर पूरी तरह से नि:शब्द हो गया. उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण काल के बाद दो वर्ष पश्चात आज पहली बार राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर मौन श्रध्दांजली देने हेतु गुरूकुंज मोझरी में विशाल जनसागर उमडा. साथ ही इस अवसर पर दुनिया के अलग-अलग देशों से आये विदेशी मेहमानों ने भी इस नयनाभिराम समारोह का अनुभव किया.
दो वर्ष बाद सार्वजनिक व सामूहिक रूप से आयोजीत होने जा रहे इस मौन श्रध्दांजलि समारोह के लिए राष्ट्रसंत द्वारा स्थापित किये गये अखिल भारतीय श्री गुरूदेव सेवा मंडल की ओर से भव्य-दिव्य तैयारी की गई थी. साथ ही इस वर्ष देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के चलते मनाये जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए गुरूदेव सेवा मंडल द्वारा सभी क्रांतिकारियों को भी श्रध्दांजलि अर्पित की गई. राष्ट्रसंत के पुण्यतिथि समारोह में हिस्सा लेने हेतु विगत सात दिनों से राज्य के अलग-अलग हिस्सों से पालखियों और दिंडियों का गुरूकुंज मोझरी पहुंचना शुरू हो गया था. साथ ही अमरिका, इंग्लैंड, जार्जिया, जर्मनी, कनाडा व दक्षिण अफ्रिका आदि देशों से भी राष्ट्रसंत के विचारों के प्रति आस्था रखनेवाले कई लोग गुरूकुंज मोझरी में उपस्थित हुए थे.
गत रोज मौन श्रध्दांजलि का मुख्य समारोह अपरान्ह 3.30 बजे ‘गुरूदेव हमारा प्यारा’ इस अर्चना गीत से प्रारंभ हुआ. जिसके बाद सर्व धर्म समभाव वाली सामूदायिक प्रार्थना भी हुई और 4.58 बजे महाद्वार पर लगे विशालकाय घंटे का स्वरनिनाद गूंजते ही सभी गुरूदेव भक्तों ने महासमाधि स्थल की दीशा में हाथ जोडते हुए राष्ट्रसंत के प्रति श्रध्दांजलि अर्पित की.
इस अवसर पर पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर, अमरावती की विधायक सुलभा खोडके, अखिल भारतीय श्री गुरूदेव सेवा मंडल के संचालक मंडल की अध्यक्षा पुष्पा बोेंडे, सर्वाधिकारी प्रकाश वाघ, उप सर्वाधिकारी लक्ष्मण गमे, प्रचार प्रमुख दामोदर पाटील, महासचिव जनार्दन बोथे सहित श्री गुरूदेव सेवा मंडल के सभी प्रचारक, कार्यकर्ता तथा धार्मिक, राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र के गणमान्य उपस्थित थे.

भक्ति और सेवा का दिखा अनूठा संगम
राष्ट्रसंत के पुण्यतिथि अवसर पर जहां एक ओर उनकी स्मृतियों का अभिवादन करने लाखों गुरूदेव भक्तों का हुजुम उमडा. वहीं चिलचिलाती धूप में मौन श्रध्दांजलि देने हेतु उपस्थित गुरूदेव भक्तों को उनके स्थान पर साफ-सूथरा ठंडा पानी पिलाने हेतु कई स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवा प्रदान की. ऐसे में यहां पर भक्ति व सेवा का संगम दिखाई दिया.

अमरावती-नागपुर हाईवे रहा बंद
गुरूकुंज मोझरी में उपस्थित लाखों लोगों के हुजुम को देखते हुए यहां से होकर गुजरनेवाले अमरावती-नागपुर हाईवे पर वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था, ताकि बिना किसी व्यवधान व विघ्न के मौन श्रध्दांजलि का आयोजन हो सके.

महासमाधि के सामने हुए सभी नतमस्तक
कल सुबह से ही गुरूकुंज मोझरी में राष्ट्रसंत की स्मृतियों का अभिवादन करने हेतु गुरूदेव भक्तों की भीड उमडनी शुरू हो गई थी और सभी लोग कतारबध्द होकर राष्ट्रसंत की महासमाधि का दर्शन कर रहे थे. जहां पर शिवणगांव निवासी गुरूदेव प्रेमियों ने वीणा की सेवा प्रदान की.

घरों की छतों व पानी की टंकी पर भी भीड
कल गुरूकुंज मोझरी में जहां तक नजर जा रही थी, वहां तक केवल और केवल गुरूदेव भक्तों की भीड दिखाई दे रही थी. यहां हर गली व हर सडक के हर हिस्से में लोगों की इतनी अधिक भीड थी कि, पांव रखने के लिए भी जगह नहीं थी. साथ ही आलम यह भी था कि, कई लोगबाग घरों की छतों के साथ-साथ जलापूर्तिवाली टंकी पर जाकर खडे थे, ताकि वहां से गुरूदेव की महासमाधि के साथ-साथ गुरूकुंज मोझरी में उमडे अपार जनसागर की विहंगम दृश्य का दर्शन किया जा सके.

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