शहर में आवारा कुत्तों का ‘हैदोस’
बंदोबस्त करने की जिम्मेदारी को लेकर बैठकों का दौर जारी
* नागरिकों में प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को लेकर भारी रोष
अमरावती/दि.26- हाल ही में अचलपुर तहसील के सावलापुर गांव में श्वान के काटने से दो लोगों की मौत हुई तथा 18 नागरिकों को उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल किया गया. ऐसी ही स्थिति अमरावती मनपा क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले गली महोल्लो की भी है. जहां आवारा श्वानों ने हाहाकार मचा रखा है. इन आवारा श्वानों को लेकर नागरिक काफी हैरान-परेशान दिखाई दे रहे है. जिसके चलते अलग-अलग प्रभागों में रहनेवाले नागरिकों द्वारा इन आवारा श्वानों के बंदोबस्त हेतु मनपा प्रशासन को धडाधड निवेदन दिए जा रहे है, वहीं दूसरी ओर मनपा प्रशासन ने आवारा कुत्तों का बंदोबस्त करने हेतु जिम्मेदारी तय करने के लिए बैठकों का दौर जारी है.
बता दें कि, आवारा श्वानों को लेकर मनपा प्रतिपक्ष नेता तथा युवा सेना जैसे कुछ संगठन आक्रमक भूमिका लिए हुए है, जिन्होंने महापौर को अपने निशाने पर लिया है. वहीं महापौर द्वारा इस संदर्भ में अधिकारियों को निर्देश दिये जा रहे है. उधर मनपा पशु संवर्धन अधिकारी का पद फिलहाल रिक्त रहने और इस पद पर प्रभारी अधिकारी के कार्यरत रहने की वजह से आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं हो पा रहा. ऐसे में समस्या जस की तस है. जिससे तंग आकर युवा सेना द्वारा महापौर के कक्ष में आवारा कुत्ते लाकर छोडने की धमकी तक दी गई है.
वहीं दूसरी ओर लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर आवारा कुत्तों का बंदोबस्त किए जाने हेतु गत रोज महापौर कक्ष में बैठक का भी आयोजन किया गया था. इस बैठक में उपमहापौर कुसूम साहु, मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे, सभागृह नेता तुषार भारतीय, पार्षद संजय नरवणे, पार्षद संध्या टिकले, पार्षद अजय सारसकर, राजू कुरील, सुनील जावरे, प्रमोद राउत, उपायुक्त नरेंद्र वानखडे, वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सीमा नेताम, विधि अधिकारी श्रीकांत चव्हाण उपस्थित थे. जिसमें महापौर चेतन गावंडे ने मनपा अधिकारियों को जल्द से जल्द शहर में आवारा कुत्तों का बंदोबस्त कराये जाने का निर्देश जारी किया.
* जल्द बंदोबस्त करें अन्यथा आंदोलन
शहर में आवारा श्वानों का आतंक बडे प्रमाण में मचा हुआ है. साईनगर, मालु लेआउट, विनायक कॉलोनी परिसर के छोटे बच्चों को आवारा श्वानों व्दारा काटा गया. जिसकी वजह से परिसर में भय का वातावरण बना हुआ है. भाजपा व्दारा शहर में किसी प्रकार के विकासात्मक कार्य तो नहीं किए गए है और ना ही नागरिकों को मूलभूत सुविधा दी गई और अब श्वानो के आतंक से भी नागरिकों को बचाने में सत्ताधारी भाजपा नाकाम रही. पांच-छह दिनों में इन आवारा श्वानोें का बंदोबस्त किया जाए अन्यथा महापौर कक्ष में आंदोलन किया जाएगा.
– बबलू शेखावत, मनपा प्रतिपक्ष नेता
…तो महापौर कक्ष में छोडेंगे आवारा कुत्ते
पिछले 10 से 15 दिनों मेें शहर में आवारा श्वानों ने आतंक मचा रखा है. शहर के रवि नगर चौक, गोपालनगर चौक, साईनगर चौक, सूतगिरणी चौक, गांधी चौक, राजकमल चौक, बडनेरा मार्ग, अंबादेवी परिसर, नवाथे नगर चौक, अंबा विहार, छांगाणी नगर, क्रांति कॉलोनी, कृष्णार्पण कॉलोनी, रविकिरण कॉलोनी, यशोदानगर परिसर सहित विविध इलाकों में आवारा श्वानों ने आतंक मचा रखा है. पशु संवर्धन विभाग का कामकाज प्रभारी अधिकारी को सौंपा गया. जिसमें इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा. पशु संवर्धन विभाग व्दारा हर साल आवारा पशुओं के बंदोबस्त के लिए लाखों रुपए खर्च किए जाते है किंतु फिर भी आवारा पशुओं को लेकर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती. तत्काल आवारा श्वानों का बंदोबस्त किया जाए अन्यथा महापौर कक्ष में आवारा श्वानों को छोड जाएगा ऐसा युवा सेना जिला समन्वयक राहुल माटोडे व्दारा दिए गए निवेदन में कहा गया. राहुल माटोडे के नेतृत्व में महापौर सहित मनपा आयुक्त को निवेदन सौंपा गया. इस समय नितिन मोरे, अजय सिरसाट, प्रवीण वाकेकर, सचिन उमक, गोविंद जोगी, सुधीर ढोके, पंकज फुके, मनोज अग्रवाल, अंकुश उपरीकर, वसंत गौरखेडे, मंगेश मेहरे, संकेत क्षीरसागर, अजय पराले, शंतनु जुनघरे आदि उपस्थित थे.
* जल्द ही बंदोबस्त किया जायेगा
यदि कोई अधिकारी सस्पेंड है, तो उसकी वजह से प्रशासन का काम नहीं रूकता. ऐसे में जिस अधिकारी के पास उस पद का प्रभार दिया गया है, उससे काम करवाया जायेगा. जल्द ही आवारा कुत्तों के निर्बिजीकरण व अन्य आवश्यक बातों के लिए कानूनी तौर पर जो कुछ भी किया जा सकता है, वह किया जायेगा.
* शहर की सडकों पर चलना हुआ मुहाल
– महिलाओं व बच्चों में डर व दहशत का माहौल
इन दिनों शहर के लगभग सभी इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या काफी अधिक बढ गई है और आवारा कुत्तों के झूंड जहां रात के समय रास्तों से गूजरनेवाले वाहनों का सरपट भागते हुए पीछा करते है, जिससे कभी भी कोई हादसा घटित होने की संभावना बनी रहती है. वहीं दिन के समय भी सडकों पर आवारा कुत्तों की टोलियों का कब्जा रहता है, जो अक्सर महिलाओं व छोटे बच्चों के हाथों में रहनेवाले पैकेट पर झपट्टा मारते है. इससे महिलाओं व बच्चों में काफी डर व दहशत का माहौल है और कभी भी किसी बडी घटना के घटित होने से इन्कार नहीं किया जा सकता.