* हॉकी के खेल व खिलाडियों के लिए तैयार कर रहे मैदान
अमरावती/दि.15 – बीते कुछ दिनों से शाम ढलते ही अच्छी खासी ठंड का ऐहसांस होने लगा है. जिसके चलते लोगबाग अपने-अपने घरों में रजाई व कंबल लेकर दुबक जाते है और चौक-चौराहों पर आग तापने के लिए अलाव जलने लगते है. लेकिन इसी सर्द माहौल में हाजी इरफान खान (नैशनल) लालखडी रेल्वे क्रासिंग के आगे सुकली रोड स्थित सुफियान स्पोर्टींग क्लब के हॉकी मैदान को पानी से सींचने का काम करते है. ताकि इस मैदान को हॉकी के खेल और खिलाडियों के लिए पूरी तरह से तैयार किया जा सके और आगे चलकर इसी मैदान पर अमरावती शहर व जिले से हॉकी के होनहार व अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी तैयार हो पाये है. ऐसे में इसे हाजी इरफान खान (नैशनल) की हॉकी के प्रति जुनून की हद तक दीवानगी न कहा जाये, तो क्या कहें.
उल्लेखनीय है कि, हाजी इरफान खान (नैशनल) को खुद बचपन से हॉकी खेलने का शौक रहा और उन्होंने इस खेल के लिए बेहतरीन सुविधा व संसाधन उपलब्ध कराने की दृष्टि से लालखडी क्षेत्र में स्थित अपनी 3 एकड जमीन हॉकी मैदान बनाने के लिए दान कर दी. इस जमीन का मौजूदा बाजार मूल्य करीब 3 करोड रुपए के आसपास है. हाजी इरफान खान (नैशनल) केवल जमीन दान करने तक ही नहीं रुके. बल्कि उन्होंने इस जमीन को हॉकी मैदान बनाने के लिए समतल करने हेतु एक रोड रोलर भी खरीद लिया और मैदान के बगल में ही अपना एक छोटा-सा कार्यालय भी बनाया. साथ ही सुफियान स्पोर्टींग क्लब नामक क्रीडा संगठन का गठन किया और वे खुद अपनी देखरेख में इस क्लब के लिए मैदान तैयार करने का काम कर रहे है.
कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि, खेलदुत के रुप में काम कर रहे हाजी इरफान खान (नैशनल) ठंडी, धुप और बारिश की परवाह किये बिना मैदान को खिलाडियों के लिए जल्द से जल्द बेहतर से बेहतरीन बनाने की कोशिश में लगे हुए है. हाल ही में इस मैदान को समतल बनाने के लिए हाजी इरफान खान ने करीब 55 ट्रक मुरुम इस मैदान पर लाकर डलवाया है. जिस पर रोड रोलर चलाया जा रहा है. साथ ही यह मुरुम समतल होकर जमीन पुख्ता हो जाये, इस बात के मद्देनजर रोलिंग का काम निपटने के बाद हाजी इरफान खान रोजाना रात 10 बजे तक खुद इस मैदान के हर हिस्से को पानी से सींचते है. ताकि मैदान की मिट्टी पक्की हो और दुसरे दिन जमीन पर दुबारा रोलर चलाया जा सकें. विशेष उल्लेखनीय है कि, यह मैदान हॉकी के साथ-साथ फुटबॉल व कबड्डी जैसे खेलों के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा.
सबसे खास बात यह है कि, अपने इस जुनून और सपने को साकार करने के लिए हाजी इरफान का रोजाना सुबह 8 बजे ही इस हॉकी ग्राउंड पर पहुंच जाते है और रात 10 बजे तक वहीं पर अपना काम करते है. साथ ही रोजाना सुबह-शाम का भोजन भी वे इसी मैदान पर बने कार्यालय में करते है. यानि एक तरह से उन्होंने इस मैदान को ही अस्थायी तौर पर अपना घर-आंगन बना लिया है. हाजी इरफान खान का प्रयास और सपना यह है कि, आगे चलकर यह मैदान केवल अमरावती व विदर्भ में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र राज्य व देश में हॉकी के लिहाज से एक मिसाल साबित हो और इस मैदान पर हॉकी के खेल हेतु तमाम आवश्यक सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध हो, जिनका लाभ उठाकर अमरावती से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमक बिखैरने वाले हॉकी के खिलाडी तैयार हो सकें.