अमरावती

हलाल प्रमाणपत्र की व्यवस्था तत्काल हो बंद

हलाल विरोधी कृति समिती ने उठाई मांग

अमरावती दि.10  – इस समय देश में समुदाय विशेष द्वारा प्रत्येक उत्पाद पदार्थ व वस्तु के हलाल यानी वैध होने की मांग की जा रही है. यह मांग केवल मांस तक ही सीमित न होकर अनाज, फल, सौंदर्य प्रसाधन व औषधी जैसे उत्पादों के लिए भी की जा रही है. ऐसे में अपने उत्पाद को बाजार में बेचने के लिए कोई जरूरत नहीं रहने के बावजूद भी कंपनियों व व्यापारियों को प्रत्येक उत्पादन के लिए 21 हजार 500 रूपये भरकर हलाल प्रमाणपत्र लेना पडता है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, यह प्रमाणपत्र सरकार अथवा अन्न व औषधी प्रशासन के द्वारा नहीं बल्कि एक धार्मिक संगठन द्वारा प्रदान किया जाता है. जिसके जरिये एक समांतर आर्थिक व्यवस्था निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में इस पूरे प्रकरण की जांच करने के साथ ही हलाल प्रमाणपत्र व्यवस्था को जल्द से जल्द बंद करने के बारे में आवश्यक कदम उठाये जाये. इस आशय की मांग हलाल विरोधी कृति समिती द्वारा जिलाधीश के जरिये प्रधानमंत्री के नाम भेजे गये ज्ञापन में की गई है.
इस ज्ञापन में कहा गया है कि, यद्यपि देश में हर व्यक्ति के पास अपनी धार्मिक परंपराओं के पालन की स्वतंत्रता है. लेकिन इसकी आड लेकर किसी भी धर्म के लोगों द्वारा अपनी धार्मिक परंपराओं व मान्यताओं को पूरे देश पर नहीं लादा जा सकता. परंतु देश में 15 फीसद जनसंख्या रहनेवाले समूदाय विशेष द्वारा अपनी हलाल परंपरा को पूरे देश पर जबरन लादा जा रहा है. पहले हलाल का यह मामला केवल मांस तक ही सीमित था, जो अब खाद्यपदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन, औषधी, चिकित्सालय, गृह संस्था, मॉल, सुखा मेवा, मिठाई, अनाज, तेल, साबुन, सैम्पू, टुथपेस्ट, नेल पॉलीश व लिपस्टिक जैसे उत्पादों पर भी लागू किया जा रहा है. वहीं अब रेल सेवा व पर्यटन महामंडल जैसे सरकारी महामंडल में भी हलाल प्रमाणपत्र को अनिवार्य किया गया है, जो सीधे-सीधे देश की धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था के साथ खिलवाड है. इस समय यह आरोप भी लगाया गया कि, इस वक्त हलाल इंडस्ट्री पूरे विश्व में सर्वाधिक गति से बढनेवाली व्यवस्था बन गई है और इसकी आड लेकर देश सहित दूनिया में एक समानांतर अर्थव्यवस्था खडी करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही हलाल प्रमाणपत्र के नाम पर संकलित किया जानेवाला पैसा देश विरोधी व आतंकी गतिविधियों के लिए उपलबध कराये जाने का संदेह भी इससे पहले व्यक्त किया जा चुका है. अत: सरकार द्वारा इस पूरे मामले की सघनता के साथ जांच की जानी चाहिए. साथ ही भारत में हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाते हुए ऐसे सर्टिफिकेट बांटनेवाली संस्थाओं की भूमिका को जांचा जाना चाहिए.
ज्ञापन सौंपते समय अमरावती रिटेल किराणा एसो. के अध्यक्ष आत्माराम पुरसवानी, राष्ट्रीय श्रीराम सेना के विजय दुबे, मुरलीधर तिवारी, व गणेश सचान, शांतिप्रकाश आश्रम के रामजी मेठानी, भारतीय सिंधु सभा के प्रकाश सिरवानी, ह्रिंदू जनजागृति समिती के निलेश टवलारे आदि सहित हलाल विरोधी कृति समिती के अनेकों सदस्य उपस्थित थे.

Back to top button