इंदला के पास मिला दवाईयों का अधजला जखीरा
एक्सपायरी डेट खत्म होने से पहले ही फेंकी गई विभिन्न दवाईयां
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आठ से दस बोरे में विभिन्न कंपनियों की दवाईयां व इंजेक्शन भरकर फेंके गये
अमरावती/दि.4 – स्थानीय फ्रेजरपुरा पुलिस थाना अंतर्गत मार्डी रोड पर इंदला गांव के निकट स्थित खेत में अधूरे बने कुएं में करीब आठ से दस बोरे में भरी दवाईयां अधजली अवस्था में बरामद हुई. गुरूवार की शाम उजागर हुई इस घटना के चलते समूचे शहर में जबर्दस्त सनसनी व्याप्त हो गई. इसमें सर्वाधिक उल्लेखनीय यह रहा कि, इसमें से अधिकांश दवाईयों की एक्सपायरी डेट खत्म होना बाकी है. ऐसे में प्रयोग में लायी जा सकनेवाली दवाईयों को यहां किसने लाकर फेंका और यह दवाईयां क्योें फेंक दी गई, इसकी जांच पुलिस व औषध प्रशासन विभाग को करनी होगी. ऐसी मांग सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक इंदला गांव के पास स्थित एक खेत में तैयार किये गये ले-आउट में प्लॉट देखने के लिए गत रोज शिवाजी किरकटे, मंगेश कोकाटे व बिजवे नामक तीन लोग इस जगह पर पहुंचे. इस परिसर में घुमते समय जब उन्होंने खेत में अधूरे बने कुएं में झांककर देखा, तो उन्हें वहां आठ से दस बोरे में भरी और अधजली दवाईयां दिखाई दी. जिसके बाद तीनों ही इस कुएं में नीचे उतरे और उन्होंने पाया कि, यहां पर विविध कंपनियों की दवाईयां, इंजेक्शन व अन्य मेडिकल साहित्य को बोरों में भरकर लाकर फेंका गया. इसमें बीपी और शूगर की बीमारी में प्रयुक्त होनेवाली कई दवाईयों का भी समावेश था. जिनकी एक्सपायरी डेट खत्म होनी बाकी थी. साथ ही उसे जलाया गया. किंतु यह पूरी दवाईयां जल नहीं पायी. इसमें से कई दवाईयों की एक्सपायरी डेट 2022 तक है, यानी इन्हें अगले एक वर्ष तक मरीजों के इलाज हेतु प्रयोग में लाया जा सकता है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, प्रयोग में लायी जा सकनेवाली दवाईयों को इस तरह खुले में लाकर क्यों और किसने फेंका. साथ ही काम में आ सकनेवाली दवाईयों को आग के हवाले क्यों किया गया.
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस को तुरंत घटनास्थल पर जाने का निर्देश दिया गया और बरामद दवाईयों को कब्जे में लेकर एफडीए के जरिये उसकी जांच करायी जायेगी. इसमें दोषी पाये जानेवाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
– डॉ. आरती सिंह
पुलिस आयुक्त, अमरावती
किसी भी तरह की दवाईयों को इस तरह खुले में फेंकना नियमबाह्य है. घटनास्थल पर भेंट देकर प्रत्यक्ष निरीक्षण किया जायेगा. एक्सपायरी डेट खत्म हो जानेवाली दवाईयों को एक निजी कंपनी के हवाले करते हुए उसे विशिष्ट पध्दति से नष्ट किया जाता है. इस तरह खुले में दवाईयां फेंककर उसे आग के हवाले करना गलत तरीका रहने के साथ ही एक तरह से अपराध भी है.
– मनीष गोतमारे
औषधी निरीक्षक