अमरावती/दि.7- जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स के आधे पद खाल होने से स्वास्थ्य सेवा पर प्रचंड भार पड़ रहा है. वर्ग 1 वैद्यकीय अधिकारी की कमी से समय पर और उचित उपचार नहीं हो पाने तथा मरीजों के बुरे हाल होने का चित्र है. अधिकृत सूत्रों ने बताया कि 41 पद मंजूर है. उसमें से 20 नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. वर्ग 2 वैद्यकीय अधिकारी के 19 और वर्ग 3 कर्मचारियों के 175 पद रिक्त है. वर्ग 4 के भी 125 पद रिक्त है. जबकि 354 पदों की मंजूरी है. साफ है कि स्टाफ आधा होने से मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा.
* जिला अस्पताल पर भार
जिला अस्पताल इर्विन के भी 22 पदों में से केवल 11 पद पर नियुक्तियां हुई है. शस्त्रक्रिया विभाग में वैद्यकीय अधिकारी नहीं है. इसके अलावा स्त्री रोग तज्ञ, अस्थि विशेषज्ञ, शल्य चिकित्सक, वैद्यकीय अधिकारी, चर्म रोग, नेत्र शल्य चिकित्सक और मनोविकार चिकित्सक के पद खाली पड़े हैं. ऐसे में उपचार कैसे हो? ऐसा सवाल रिश्तेदार उठा रहे हैं.
* डॉक्टर्स पर वर्क लोड
जिले में सामान्य अस्पताल, स्त्री अस्पताल, संदर्भ सेवा, क्षय रोग के साथ चार उपजिला अस्पताल, 9 ग्रामीण अस्पताल, 56 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 332 उपकेंद्र, 67 आयुर्वेदिक अस्पताल है. मगर पूर्ण भर्ती नहीं होने से डॉक्टर्स पर काम का भार बढ़ रहा है. कुछ डॉक्टर्स की बदलियां हो गई है. उनके स्थान पर नई नियुक्ति नहीं होने से भी दूसरे डॉक्टर्स पर काम का बोझ बढ़ा है. मरीज समय पर उपचार नहीं पा रहे.