अमरावती

मांग की तुलना में रेमडेसिविर की आधी आपूर्ति

पीडीएमसी को दस दिनों में मिले 3800 वॉयल

  • मरीजों के रिश्तेदारों को लगाने पड रहे चक्कर पर चक्कर

अमरावती/दि.24 – इन दिनों कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज हेतू महत्वपूर्ण माने जानेवाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग में जबर्दस्त इजाफा हुआ है और रेमडेसिविर मिलने हेतु मरीजों के रिश्तेदारों की पीडीएमसी अस्पताल में लंबी-लंबी कतारें लग रही है. किंतु इस समय इस इंजेक्शन की जितनी मांग है, उसकी तुलना में आपूर्ति लगभग आधी है. जिसकी वजह से अच्छीखासी तकलीफों का सामना करना पडता है. वहीं दूसरी ओर जिला सामान्य अस्पताल में पांच माह पूर्व आये रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉक से अब तक काम चलाया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, विगत वर्ष मार्च-2020 से महाराष्ट्र में कोविड संक्रमण की शुरूआत हुई, उस समय कोविड संक्रमित पाये जानेवाले मरीजों का इलाज कैसे किया जाये, यह तय नहीं था और डॉक्टरों के पास भी इस बीमारी को ठीक करने की कोई निश्चित दवाई नहीं थी. उस समय गंभीर स्थिति रहने के चलते आयसीयू में भरती किये गये कुछ कोविड संक्रमितों पर प्रायोगिक तौर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयोग किया गया. जिसके परिणाम काफी हद तक अच्छे रहे. ऐसे में यह धारणा बन गयी कि, कोविड संक्रमित मरीजों को यदि रेमडेसिविर का इंजेक्शन लगाया जाये, तो वे ठीक हो जाते है. इसके बाद सभी कोविड संक्रमित मरीजोें के रिश्तेदारों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त करने हेतु दौडभाग की जाने लगी और देखते ही देखते शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत भी महसूस होने लगी और इंजेक्शन का स्टॉक खत्म होने के साथ ही इस इंजेक्शन की कालाबाजारी भी शुरू हो गयी. ऐसे में इंजेक्शन की कालाबाजारी को रोकने हेतु जिला प्रशासन ने इस इंजेक्शन का वितरण अपने नियंत्रण में लिया. साथ ही निजी अस्पतालों में भरती मरीजों के लिए पीडीएमसी अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाने लगा. जहां पर इन दिनों रोजाना सुबह 7 बजे से मरीजों के रिश्तेदारों की कतार लग जाती है और दिनभर धूप में खडे रहने के बाद बडे प्रयासों से यह इंजेक्शन प्राप्त किया जाता है.

इर्विन अस्पताल के पास हैं केवल 2,995 इंजेक्शन का स्टॉक

वहीं जिला सामान्य अस्पताल के नियंत्रण में सरकारी उपजिला अस्पताल, सुपर कोविड हॉस्पिटल तथा पीडीएमसी के कोविड वार्ड में भरती मरीजोें के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाता है. डॉक्टरों द्वारा की जानेवाली मांग और मरीजों की संख्या को देखते हुए यह इंजेक्शन दिया जाता है. किंतु इस समय जितने इंजेक्शनों की जरूरत है, उसकी तुलना में केवल आधे स्टॉक की ही आपूर्ति हो पा रही है, ऐसी जानकारी है. पता चला है कि, जिला सामान्य अस्पताल के पास इस समय केवल 2 हजार 995 रेमडेसिवर इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध है और पिछले पांच माह से इस अस्पताल को इस इंजेक्शन का नया स्टॉक नहीं मिला है. ऐसे में पांच माह पुराने स्टॉक से ही जिले के सभी सरकारी अस्पतालों की जरूरत पूरी की जा रही है. साथ ही साथ इन दिनों निजी अस्पतालों में भरती मरीजों के लिए भी पीडीएमसी अस्पताल के जरिये रेमडेसिविर के इंजेक्शन उपलब्ध कराये जा रहे है.

  • कोविड संक्रमित मरीजों पर इलाज हेतु रेमडेसिविर की मांग बढ गयी है. हमारे पास रोजाना करीब 350 से 400 मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा पंजीयन कराया जाता है. वहीं हमें रोजाना 150 से 200 वॉयल मिल रहे है. ऐसे में उपलब्धता के अनुसार ही रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जा रहा है. जिसके लिए तमाम दस्तावेजों की जांच-पडताल की जाती है.
    – डॉ. ए. टी. देशमुख
    अधिष्ठाता, पीडीएमसी

ऐसे होती है रोजाना रेमडेसिविर की आपूर्ति

सुपर कोविड – 150
पीडीएमसी – 150
तिवसा – 20
अचलपुर – 20
मोर्शी – 20
नांदगांव – 15
वरूड – 15
दर्यापुर – 15
धारणी – 10

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