अमरावती

सप्ताह में हो गई आधी भरपाई

विदर्भ में बारिश से थोड़ी राहत

* फिर भी कई भागों में बुआई लंबित
अमरावती/दि.5 – विदर्भ में इस बार न केवल मानसून की एन्ट्री विलंब से बल्कि अरब सागर की बजाय बंगाल की खाड़ी से हुई. जिससे अब तक कई भागों में औसत से आधी भी बरसात नहीं हो पाई है. जिसके कारण कही बुआई लंबित हो गई तो कही बर्बाद हो गई. दोबारा बुआई की नौबत आयी है. मौसम विभाग का कहना है कि पिछले दिनों तक बारिश की जो कमी थी, वह काफी हद तक कम हुई है. बल्कि विदर्भ की बात करें तो भंडारा, गोंदिया में 16-20 प्रतिशत अतिरिक्त बरसात दर्ज की गई है. अमरावती संभाग में बुलढाणा और अकोला में झमाझम झड़ी का इंतजार है. जबकि जिले में कुछ भागों में बरसात के समाचार दो दिनों से मिल रहे हैं.
* संभाग मेंं आधी भी बरसात नहीं
ने बताया कि विदर्भ में जून में 100 मिमी बरसात हो जाती है. जिससे कृषक वर्ग बुआई कर लेता है. इस बार ऐसा नहीं हुआ. अनेक जिले सूखे रह गए. जुलाई शुरु होने के साथ नागपुर, भंडारा, गोंदिया जैसे जिले में काफी प्रमाण में बरसात दर्ज की गई. किन्तु अमरावती, यवतमाल, वाशिम, बुलढाणा, अकोला तथा पश्चिम विदर्भ मेंं आधी भी बरसात नहीं हुई है. जिससे न केवल बुआई प्रलंबित है, बल्कि लगभग 30 प्रतिशत बुआई खराब भी हो गई है. दोबारा बुआई करना पड़ेगा.
* 2.08 लाख हेक्टेयर बुआई
जिले में लगभग सात लाख हेक्टेयर में खरीफ सीजन की बुआई की जाती है. इस बार मुश्किल से 20 प्रतिशत अर्थात 208795 हेक्टेयर में बुआई होने की जानकारी कृषि विभाग ने दी है. बारिश के दगा देने से बुआई दोबारा करने की नौबत आ सकती है. कृषि विभाग ने बताया कि कपास और सोयाबीन का रकबा अधिक है. इसके बाद तुअर का क्रम आता है. अल्प मात्रा में मूंग तथा उड़द बोया गया है.
* धामणगांव में सबसे अधिक बुआई
धामणगांव तहसील में 70 प्रतिशत अर्थात 35487 हेक्टेयर में सोमवार तक बुआई हो चुकी थी. धारणी में 25839, चिखलदरा 8123, अमरावती 27651, भातकुली 9495, नांदगांव खंडेश्वर 10656, चांदूररेल्वे 2000, तिवसा 25417, मोर्शी 9029, वरुज 18000, दर्यापुर 1200, अंजनगांव 4723, अचलपुर 14154, चांदूर बाजार 17024 हेक्टेयर बुआई हुई है. जिसमें कपास का रकबा 99857 तथा सोयाबीन का 68661 है.
* बारिश की आंस
सभी तहसीलों में किसानों को बारिश की उम्मीद है. मौसम विभाग की घोषणा पर निगाहें है. मौसम तज्ञ प्रा. डॉ. अनिल बंड के अनुसार बुधवार से बारिश का प्रमाण बढ़ेगा. अधीक्षक कृषि अधिकारी राहुल सातपुते के अनुसार बारिश का क्रम रुक जाने से बुआई रुकी है. जमीन पूरी तरह गीली होने पर ही बुआई करने की सलाह उन्होंने दी. उन्होंने बताया कि दो दिनों में बारिश का जोर बढ़ेगा.
* चांदूर बाजार में किसान चिंतातुर
चांदूर बाजार में कुछ गांवों में बरसात हुई. किसानों ने कपास की बुआई कर दी. बीज अंकुरित होकर जमीन से बाहर निकल आये. अब बारिश की आवश्यकता है. किन्तु बारिश रुक गई है. धूप से कपास के अंकुरित सूख रहे हैं. कुछ किसानों के पास सिंचाई की व्यवस्था है. वह पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से पानी नहीं दे पा रहे. दोबारा बुआई करना पड़ेगा, ऐसी चिंता उन्हें सता रही है. 6 जुलाई से बारिश का नक्षत्र बदल रहा है. इस नक्षत्र में अच्छी बारिश की आशा किसान कर रहे हैं.

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