एसएचडीएनएल बैंकसी के खातदारों में हडकंप
डेढ माह से बैंक के कामकाज में भारी गडबडी
* जवाहरगेट से ड्रीम्जलैण्ड के बीच चक्कर काट रहे ग्राहक
* एक माह पहले बैंक का जवाहरगेट से हुआ था स्थानांतरण
* ड्रीम्जलैण्ड में नये पते पर भी बैंक का कार्यालय नहीं शुरू
अमरावती/दि.15– स्थानीय जवाहर गेट के भीतर बर्तन बाजार, सक्करसाथ व सराफा परिसर में आज उस समय हडकंप मच गया, जब इस परिसर में विगत करीब सात-आठ माह से डेली कलेक्शन का काम करनेवाली एसएचडीएनएल बैंकसी नामक बैंक के बंद हो जाने की खबर फैली. जिसके चलते विगत कुछ माह से बैंक की आर्थिक गडबडियों के चलते त्रस्त खाताधारकों में जबर्दस्त सनसनी व्याप्त हो गई.
जानकारी के मुताबिक जवाहर गेट से थोडा आगे शनि मंदिर की ओर जानेवाले रास्ते पर जैन किराणा के ठीक सामने विनायक स्टील मार्ट के उपर विगत करीब 6-7 माह से एसएचडीएनएल बैंकसी नामक बैंक ने काम करना शुरू किया था. जिसके द्वारा क्षेत्र के कई छोटे-बडे व्यापारियों के डेली कलेक्शन अकाउंट खोलने के साथ ही उनसे फिक्स डिपॉझीट भी जमा करने का काम शुरू किया गया था. इसके तहत कई व्यापारियों ने इस बैंक में 100-200 रूपये से 500 व 1000 रूपये रोजाना के दैनिक खाते खोले थे, ताकि कुछ लोगों ने आकर्षक ब्याजदर को देखते हुए इस बैंक में फिक्स डिपॉझिट भी रखे थे. करीब पांच-छह माह तक अपना कामकाज करने के बाद बीते दिनों अचानक ही इस बैंक का कार्यालय यहां से शहर के बाहर स्थित ड्रीम्जलैण्ड व्यापारिक संकुल में स्थलांतरित कर दिया गया और इससे संबंधित नोटीस जवाहर गेट परिसर स्थित कार्यालय पर लगा दी गई. ऐसे में जब इस परिसर के खाताधारक अपने पैसे प्राप्त करने हेतु बैंक के नये पते पर पहुंचे, तो वहां पर बैंक का बोर्ड तो दिखाई दिया, लेकिन कार्यालय पर ताला लटका हुआ था और वहां मौजूद व्यक्ति ने उन्हें वापिस पुराने कार्यालय पर ही जाने के लिए कहा. ऐसे में देखते ही देखते बैंक के बंद हो जाने या भाग जाने की चर्चा पूरे परिसर में फैल गई और निवेशकों में हडकंप भी व्याप्त हो गया.
* नोटीस पर दिये गये अधिकांश नंबर हैं बंद
विशेष उल्लेखनीय है कि, इस बैंक द्वारा अपने पुराने कार्यालय पर एक नोटीस चिपकायी गई है. जिसमें किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त करने हेतु 6 लोगों के नाम व मोबाईल नंबर दिये गये है. लेकिन हैरत की बात यह है कि, इसमें से चार लोगों के नंबर स्वीच ऑफ यानी बंद है. वहीं अजिंक्य साबले व तृप्ती रोटकर नामक दो लोगों से आज प्रस्तुत प्रतिनिधि की बात हुई, तो इन दोनों ने बताया कि, वे करीब डेढ-दो माह पहले ही इस बैंक का काम छोड चुके है और अब उनका इस बैंक से कोई लेना-देना नहीं है. यही वजह है कि, बैंक के खाताधारकों में और भी अधिक संभ्रम फैल रहा है.
* इमारत मालिक को नहीं दिया पांच माह से किराया
– पांच लाख का फिक्स डिपॉझिट भी लिया
इस बैंक में खाता रहनेवाले पिंटू शर्मा (नानकराम दहिबडेवाले) ने बताया कि, जिस बिल्डींग में इस बैंक का कार्यालय स्थित है, वह पहले किसी जैन नामक व्यक्ति की थी और बाद में यह बिल्डींग बलखंडे नामक व्यक्ति ने खरीद ली. जिन्होंने इस बिल्डींग की उपरी मंजील इस बैंक को किराये पर दी थी. किंतु बैंकवालों ने
इमारत मालिक को विगत करीब पांच माह से किराया ही अदा नहीं किया, बल्कि उनसे पांच लाख रूपये का फिक्स डिपॉझीट भी लिया. इसके अलावा इस परिसर में छोटे-मोटे व्यवसाय करनेवाले कई व्यापारियों से बैंक द्वारा डेली कलेक्शन बेसीस पर खाते खुलवाये गये थे तथा कई व्यापारियों ने विगत पांच-छह माह के दौरान बैंक में अच्छा-खासा पैसा जमा किया था, लेकिन विगत दिनों अचानक ही बैंक का जवाहरगेट स्थित कार्यालय बंद कर दिया गया और यहां पर कार्यालय के स्थानांतरण की नोटीस लगा दी गई. लेकिन नये पते पर भी बैंक शुरू नहीं है और ग्राहक लगातार दोनों कार्यालयों के बीच चक्कर काट रहे है. परंतू उन्हें कोई समाधानकारक जवाब नहीं मिल रहा.