अमरावतीलेख

अमरावती के विकास हेतु मोदीजी के सामने पढ़े हनुमान चालीसा…

अमरावती जिले की स्थानीय सांसद नवनीत राणा ने महाराष्ट्र के विकास के लिए हनुमान चालीसा पठन करने का नियोजन बनाया है. हनुमान चालीसा पठन में घंटा धारी पार्टी भी शामिल हैं. अमरावती विकास की केंद्रीय स्तर की योजना प्रलंबित होकर इसके लिए केंद्र में रामचरित्रमानस पढ़कर अब जिले का विकास किया जाए.
जुड़वा शहर की लाईफलाईन वाले बडनेरा अमरावती शटल रेल्वे गरीब कामगारों के लिए कब शुरु होगी. इसकी जिम्मेदारी सांसद की या हनुमानजी की…?
ब्रिटिशकालीन शकुंतला रेल्वे ब्रॉडगेज हो, इसके लिए इससे पूर्व किए गए प्रयास अब पूर्ण होने के साथ ही सांसद द्वारा दुर्लक्ष किए जाने के कारण शकुंतला के लिए हनुमानजी सपने में आने पर शुरु होगी क्या?
आदिवासियों की लाईफलाईन माने जाने वाले अकोट धुलघाट रेल्वे व्याघ्र प्रकल्प के कार्यक्षेत्र से बंद की गई. उसे स्थगनादेश दिलवाने की जो घोषणा सांसद ने की, बंद पड़ी धुलघाट रेल्वे के लिए संसद में किस ईश्वर की आराधना सांसद को करनी पड़ेगी.
पूर्व राष्ट्रपति एवं तत्कालीन सांसद के प्रयासों से शुरु हुई अनेक रेल गाड़ियां अमरावती रेल्वे स्टेशन से बंद हुई है. इसके लिए प्रयास करने चाहिए. अमरावती-जबलपुर, अमरावती पुणे हर रोज हो, अमरावती सुरत डेली, अमरावती-भुसावल पॅसेंजर, अमरावती-नागपुर रेल्वे गाड़ियों की असंख्य समस्याओं सहित भौतिक सुविधाओं की ओर भी सांसद महोदया का ध्यान नहीं. बडनेरा स्थानक पर की लिफ्ट एवं ओवर ब्रिज प्लेटफॉर्म शेड, सरकते जिने का काम अधूरी अवस्था में है. इस ओर भी अब हनुमानजी ने ध्यान देना चाहिए, ऐसी भावना बडनेरा वासियों में निर्माण हुई है.
पूर्व राष्ट्रपती प्रतिभाताई पाटील के प्रयासों से शुरु किया गया बी. डी. एल. कारखाना आयुध निर्माण की बजाय घास का गोदाम बन गया है. इस ओर भी अमरावती की सांसद महोदया ने ध्यान देना चाहिए.
मोदी सरकार की तीन वर्षों की कालावधि मेें एक भी बड़ी योजना रोजगार युक्त संकल्पना अमरावती जिले में शुरु न करते हुए विवादग्रस्त रहकर विकास गंगा से अमरावती वासियों को परे रखा गया है. तीन वर्षों के कार्यकाल में रेलवे वॅगन फैक्टरी का उद्घाटन तो भी मोदीजी के हाथों होना चाहिए था. लेकिन रेल्वे गाड़ियां बंद होकर अमरावती जिले का विकास रुकने की भावना जनसामान्यों में निर्माण हुई है.
अचलपुर जिला किये बगैर नहीं रहेंगे, ऐसा कहते हुए चुनाव लड़ने वाली अमरावती की सांसद आश्वासनों को भूल गई हैं.
* पुतलों का शहर एवं आश्वासनों का कहर…
सिर्फ पुतले खड़े करने हैं,इसलिए राजनीति करने वाले सांसद, विधायक से अब अमरावतीवासी परेशान हो गए हैं. सीनियर सिटीजन के लिए शुरु किए गए पुराने अमरावती रेल्वे स्टेशन का रेल्वे गेट खोलने की तसदी भी सांसद महोदया नहीं ले रही. इस बाबत अब कोई बात नहीं करता. अमरावती रेल्वे स्थानक पर बनाए जाने वाले व्यापारी संकुल में किसका सहभाग है, इसकी भी चर्चा अब अमरावतीवासी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं.
* मी विकासाचा महामेरु तुमची शेती पेरु…
बुआई के दिन करीब आये है. खाद की आपूर्ति केंद्रीय स्तर पर नहीं हो रही. आदिवासी क्षेत्र में खंडवा से रेल्वे लाईन द्वारा होने वाली खाद की आपूर्ति अब तक नहीं हुई. लेकिन प्रतिवर्षानुसार माननीय सांसद महोदया ने खेतों की बुआई का फोटो डालकर इस वर्ष किसानों की खाद किल्लत पर नमक न लगाये, केंद्र से मदद दिलवाये, राज्य शासन के सामने हनुमान चालीसा पढ़कर किसान सुखी नहीं होंगे. अमरावती की सांसद ने अब शेष दो वर्षों में अमरावती में विकास की गंगा लाने का काम करना चाहिए.


– प्रवीण हरमकर, शिवसेना शहर संपर्क प्रमुख,
पूर्व विरोधी पक्षनेता मनपा अमरावती.

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