कल विठ्ठल मंदिर में धूमधाम से मनाई जायेगी हनुमान जयंती
शोभायात्रा के स्वागत के साथ महाप्रसाद का आयोजन
*105 साल की परंपरा कायम
परतवाडा/ दि.15-वकील लाईन स्थित विठ्ठल मंदिर में पिछले 105 साल से रामनवमी व हनुमान जयंती उत्सव समारोह धूमधाम से मनाया जा रहा है. किंतु पिछले दो वर्षो से कोरोना महामारी के चलते दोनों भी उत्सव सादगी से मनाये गये थे. किंतु अब कोरोना नियंत्रण में आने के पश्चात 10 अप्रैल को रामनवमी उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया. जिसमें रामजन्म उत्सव पर कीर्तन व प्रसाद का वितरण किया गया तथा शाम को शहर से निकली शोभायात्रााओं का स्वागत मंदिर संस्थान द्बारा गया.
कल हनुमान जयंती पर विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन मंदिर संस्थान में किया गया है. जिसमें सुबह 6 बजे हनुमान जन्मोत्सव पर आरती पूजन के साथ प्रसाद का वितरण किया जायेगा व दोपहर 12 बजे से महाप्रसाद का आयोजन किया गया है. शाम 7 बजे श्री हनुमान व्यायाम शाला से निकाली जानेवाली शोभायात्रा का स्वागत मंदिर संस्थान द्बारा किया जायेगा.
बता दे कि 105 वर्ष पूर्व राम नवमी तथा हनुमान जयंती उत्सव की शुरूआत ब्रिटिशकाल 1917 में पंडित रघुराम शास्त्री भावलकर ने की थी. उसके पश्चात 1948 से आजादी के पश्चात एड. बापूसाहेब भावलकर एड. तात्यासाहेब पांगरकर, एड. झंवर, एड. आर. आर. गुप्ता संघ परिवार के ज्येष्ठ आबाजी देशपांडे, एड. डॉ. जोशी ने यह परंपरा कायम रखी. उसके पश्चात वामनराव भवालकर ने 1982 से इस परंपरा को आगे बढाया. इनके पश्चात अब भवालकर परिवार की एड. माधुरी भवालकर के नेतृत्व में दोनों ही उत्सव धूमधाम से मनाए जा रहे है.
इस साल दोनों ही उत्सव के सफल आयोजन को लेकर एड. माधुरी भवालकर के मार्गदर्शन में आयोजन समिति के अध्यक्ष किशोर गुल्हाने, सचिव गजानन जोशी, मामराज वर्मा, अन्नू महाराज मिश्रा, गजानन कोल्हे, विलास अग्रवाल, अनिरूध्द गोरे, राजेश जोशी, प्रा. राम खवसे, प्रा. अखिलेश जोशी, प्रवीण करकरे, सुदेश पट्टलवार, रवि जोशी, आयुष करकरे, प्रकाश बाविस्कर, संजय केजडीवाल प्रयासरत है.
2015 में मंदिर का किया गया जीर्णोध्दार
वकील लाईन तिलक चौक में स्थित विठ्ठल मंदिर अत्यंत प्राचीन मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में अनेको प्रवचनकार तथा संत महात्माओं के पद का स्पर्श हो चुका है. इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोध्दार भवालकर परिवार द्बारा 2015 में करवाया गया. इस मंदिर में भगवान विठ्ठल की मूर्ति के साथ अनेको देवी देवताओं की मूर्तियां भी विराजित है.