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सेना को धन्यवाद देकर पहुंचे हरिद्बार

अमरावती के 45 लोग अटके थे 5 दिनों तक

* कल पहुंचेंगे अमरावती
* चट्टान खिसकने से मार्ग हुआ था अवरूध्द
अमरावती /दि.13– उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा पर अमरावती से गये श्रध्दालु पांच दिनों तक जोशी मठ में अटकने के बाद आखिरकार भारतीय सेना की बदौलत मार्गस्थ हुए हैं. आज सुबह 11 बजे यह लोग हरिद्बार पहुंच गये थे. कल रविवार को दिल्ली होते हुए नागपुर और फिर अमरावती पहुंचने का नियोजन किया है, ऐसी जानकारी संजय शर्मा ने अमरावती मंडल को फोन से दी. शर्मा और उनके साथ जायस्वाल व अन्य ने बारंबार सेना के प्रति आभार व्यक्त किया.
* भारतीय सेना के कृतज्ञ
शर्मा ने बताया कि वे और वहां फंसे सभी हजारों हजार श्रध्दालु भारतीय फौज के कृतज्ञ है. जिन्होंने बारिश के बावजूद युध्दस्तर पर अनथक काम किया. पहाडी काटकर रास्ता बनाया. भले ही कच्चा रास्ता था. वाहन रेंग रहे थे. किंतु सही सलामत सभी रहे. किसी को भी चोट नहीं आयी. अब पहले ऋषिकेश और बाद में हरिद्बार पहुंचकर सभी ने राहत की सांस ली है.
* प्रशासन का साथ, अच्छे प्रबंध
शर्मा ने बताया कि स्थानीय प्रशासन का भरपूर सहयोग रहा है. अब थोडा ही समय लगेगा और यहां से हजारों लोगों के अपने- अपने घरों की ओर निकलने का रास्ता खुलने से खुश हो गये सभी ने दीपक बोले, जय बद्री विशाल, जय बद्री, काया सुधरी के नारे लगाए. दीपक यहां भारतीय अर्धसैनिक बल का लोगो अर्थात पहचान चिन्ह है. शर्मा ने बताया कि अर्धसैनिक बल के सैनिक मार्ग पर गिरी चट्टानें हटाने का भरी बारिश में प्रयास किए. जिससे कई बार अहसास हुआ कि दैवीय शक्ति आपकी आस्था को डिगने नहीं देती. भरी बरसात में जेसीबी और पोकलैंड से काम कर शुक्रवार रात 8 बजे छोटे वाहनों में यात्रियों को जोशी मठ से आगे कर्ण प्रयाग तक जाने दिए जाने की जानकारी शर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि पहलीबार उत्तराखंड के पहाडी, घुमावदार मार्ग पर देर रात तक वाहनों को चलने की अनुमति दी गई. उन लोगों ने रात्रि में कर्ण प्रयाग में विश्राम किया. आज सबेरे वे चले और ऋषिकेश पहुंचे.
* अमरावती के 40-45 लोग
संजय शर्मा ने बताया कि अमरावती से उनके साथ आशीष बथेरिया, सपना बथेरिया, संतोष जायस्वाल, राशि जायस्वाल, सरिता जायस्वाल आदि चार धाम यात्रा के लिए गत 28 जून को रवाना हुए थे. इन लोगों के यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ के दर्शन हो गये. जोशी मठ से बद्रीनाथ का 40 किमी का अंतर तय करने में 18 से 20 घंटे का वक्त लगा. बद्रीनाथ दर्शन के बाद लौटते समय फिर मार्ग पर बडी चट्टान गिरने और पहाडी धंस जाने से वह लोग जोशी मठ में अटकना पडा था. अमरावती के दस्तूर नगर और साईनगर के लोग भी यहां अटक गये थे. लगभग 40-45 अमरावतीवासी जोशी मठ में फंसे रहे. दस्तूर नगर के लोगों में पुणे में जॉब कर रही दो लडकियों और एक युवक का समावेश था तो साईनगर से कुछ परिवार थे.
* महाराष्ट्र के सैकडों यात्री, अच्छी व्यवस्था
संजय शर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र के सैकडों तीर्थयात्री अटके हैं तथापि यहां का प्रशासन सभी की साज संभाल की. सुरक्षा सुनिश्चित की. उत्तराखंड पर्यटन निगम के विश्रामगृह में ठहराया गया. उसी प्रकार खान पान का भी बराबर ध्यान रखा गया.

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