सांस में हरि का नाम आना चाहिए, क्योंकि वह सृष्टि के पालनहार है
प. पू. आचार्य बलराम महाराज का प्रतिपादन
* भक्तिधाम में पोपट परिवार द्बारा श्रीमद भागवत कथा का आयोजन
अमरावती/दि.13– सांस में हरि का नाम आना चाहिए. क्योंकि वह सृष्टि के पालनहार है. जो भी व्यक्ति दिल से भागवत का नाम स्मरण श्रवण करता है. उसे जगन्नाथ का बोध होता है. साथ ही उसका एवं विश्व का कल्याण होता है. इसलिए भागवत कथा का नित्य श्रवण करना ही भक्तों के लिए बडी उपलब्धि है, ऐसा प्रतिपादन बनारस के श्रीराम धाम सावरिया आश्रम के प. पू. आचार्य बलराम महाराज ने व्यक्त किया. वे बडनेरा रोड स्थित भक्तिधाम में पोपट परिवार द्बारा आयोजित भागवत कथा श्रवण करवा रहे थे.
स्थानीय बडनेरा रोड पर स्थित भक्तिधाम में सोमवार से दिलीप भाई पोपट परिवार की ओर से श्रीमद भागवत कथा महापुराण सप्ताह का आयोजन किया गया था. कथा के दूसरे दिन आचार्य बलराम महाराज ने आगे कहा कि भगवान की भक्ति में कभी स्वार्थ नहीं होना चाहिए. भक्त निष्काम भाव से भक्ति करें तो भगवान सदैव साथ रहते है. हम परमात्मा के पुत्र-पुत्री है. इसीलिए उन्हें पता है कि हमें कब और क्या चाहिए. वे परमपिता अपने भक्तोें का पतन नहीं होने देेते. शर्त यह है कि भक्ति में कभी हेतु, किंतु, परंतु नहीं होना चाहिए. भक्ति और भजन करते समय मन कहीं नहीं भटकने न पाए.
जीव और तत्व ब्रम्ह व्यापक है. इस संसार से सभी को एक दिन जाना है. संत और गुरू के बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए. क्या भरोसा इस जिन्दगी का साथ देती नहीं ये किसी का. सांस रूक जायेगी- चलते- चलते, शमा बुझ जायेगी जलते-जलते, दम निकल जायेगा हम सभी का, क्या भरोसा इस जिन्दगी का….. इस गीत के माध्यम से आचार्य बलराम महाराज ने दूसरे दिन की भागवत कथा को विराम दिया. कथास्थल पर दिलीपभाई पोपट, हंसाबेन पोपट, चंद्रकांत पोपट, विनाबेन पोपट, नरेशभाई पोपट, गीताबेन पोपट, नीलेशभाई पोपट, कविताबेन पोपट, प्रियंश पोपट, राधाबेन पोपट, तेजस पोपट, अदिती पोपट, जयंतीभाई पोपट, शिवलालभाई पोपट, जयेंद्रकुमार तन्ना, अलका तन्ना, सुरेशभाई राजा, हसमुखभाई कारिया, नितिनभाई गणात्रा, किशोरभाई भिंडा, किरीटभाई गडिया, नितिनभाई आडतिया, किशोरभाई उन्नडकाट, वीरेंद्रभाई उन्नडकाट, विनोद नागरेचा, दिलीपभाई परमार, रमनीक भाई उन्नडकाट, इंद्राबेन आडतिया, अनुबेन गणात्रा, मंजूबेन नंदियानी, खुशीबेन नंदियानी, रियाबेन नंदियानी, सोनलबेन मिरानी, डॉ. नंदकिशोर लोहाणा, गीताबेन लोहाणा आदि उपस्थित थे.