अमरावतीमहाराष्ट्र

अनशनकारी प्रकल्पग्रस्त हरिशचंद्र खांडेकर ने तोडा दम

सुपर स्पेशालिटी मेें चल रहा था इलाज

अमरावती /दि.26– मोर्शी तहसील अंतर्गत चारगढ प्रकल्प में समाविष्ट बोडना गांव के कई अन्यायग्रस्त प्रकल्प प्रभावित किसानों ने अपनी मांगों को लेकर विगत 16 जनवरी से मोर्शी के उपविभागीय कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन करना शुरु किया था. जिसमें से तबीयत बिगड जाने के चलते अस्पताल में भर्ती कराये गये हरिशचंद्र खांडेकर (65) नामक प्रकल्प प्रभावित किसान की गत रोज इलाज के दौरन सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में मौत हो गई. जिसके चलते बोडना गांववासियों में प्रशासन को लेकर अच्छा खासा रोष व्याप्त है.
जानकारी के मुताबिक विगत 16 जनवरी से शुुरु किये गये इस अनशन के तीसरे दिन कुछ अनशनकारियों की तबीयत बिगड गई थी. जिसके चलते उन्हें मोर्शी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन उनकी लगातार गंभीर होती स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल में रेफर किया था.

जिसमें से दो प्रकल्पग्रस्त को दो दिन के इलाज पश्चात डिस्चार्ज दिया गया था. परंतु हरिशचंद्र खांडेकर की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई थी. जिसके चलते उन्हें सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां गत रोज इलाज जारी रहते समय हरिशचंद्र खांडेकर का ब्लड प्रेशर कम होना शुरु हुआ और उनकी मौत हो गई.
विशेष उल्लेखनीय है कि, मोर्शी के सरकारी डॉक्टरों ने हरिशचंद्र खांडेकर को भर्ती करते समय उनका नाम प्रकल्पग्रस्त अनशनकारी के तौर पर दर्ज नहीं किया था. विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनोज चव्हाण जब हरिशचंद्र खांडेकर से मिलने पहुंचे थे, तब यह बात सामने आयी थी. पश्चात चव्हाण ने इस बारे में मोर्शी के एसडीओ पवार तथा जलसंपदा विभाग के मुख्य अभियंता टाले से संपर्क कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया. परंतु हरिशचंद्र खांडेकर की अनशन करते हुए मौत हो जाने के बावजूद भी सरकार एवं प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है. ऐसा चारगढ प्रकल्पग्रस्त आंदोलन कृति समिति की ओर से आरोप लगाया जा रहा है.

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