हर्षवर्धन देशमुख यह सभी पार्टियों के लिए आदर्श व्यक्तिमत्व- अनिल देशमुख
वरूड/ दि. 16- राजनीति में काम करते समय कुछ नेता ऐसे भी होते है कि जो स्वयं की पार्टी के लिए आदर्श व्यक्तिमत्व होते ही परंतु विरोधी पार्टी के लिए भी वे आदर्श व्यक्तिमत्व रखते है. इसमें एक नाम यानी हर्षवर्धन देशमुख, मंत्रालय में कोई भी पार्टी की सरकार हो हर्षवर्धन देशमुख अपने विभाग में आनेवाला समाचार मिलते ही संबंधित विभाग का मंत्री उसका सम्मान करने के लिए तत्पर रहता है. ऐसे उद्गार गृहमंत्री अनिल देशमुख ने व्यक्त किए. वे श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष तथा पूर्व कृषिमंत्री के जन्मदिन निमित्त शहर क फिसके सभागृह में स्नेह मिलन समारोह में बोल रहे थे.
इस अवसर पर पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख, हर्षवर्धन देशमुख यह राष्ट्रवादी के ज्येष्ठ नेता है. उनके काम करने के तरीके के कारण महाराष्ट्र में पहचान बनाई. वे मंत्री होने पर मैं एक जिला परिषद सदस्य था. हर्षवर्धन देशमुख वे हमारे ज्येष्ठ नेता है. परंतु आज भी मंत्रालय में मंत्री खडे रहते वही सम्मान आज भी करते है. इस निर्वाचन क्षेत्र में हर्षवर्धन देशमुख ने चमत्कार किया. एक युवा विधायक जिसे किसी भी राजनीतिक की पृष्टभूमि नहीं थी. परंतु उनमें काम करने का उत्साह देखकर उन्हें आत्मसात किया. देवेंद्र भुयार ने भी 50 खोके के पीछे न जाकर दादा के शब्द का पालन किया. देवेंद्र भुयार ने अनेक विकास काम निर्वाचन क्षेत्र में किए. इसके बाद भी राष्ट्रवादी का उम्मीदवार को जिताकर लाना है. मुझे केंद्र सरकार ने फंसाने का प्रयास किया. परंतु न्यायालय पर मुझे विश्वास था. न्यायालय ने मुझे निर्दोष मुक्त किया. मैं उन्हें नहीं छोडूंगा नहीं इसके लिए मुझे इस निर्वाचन क्षेत्र में विधायक चुनकर लाना है. विशेष बात आज हर्षवर्धन देशमुख के जन्मदिन निमित्त मुझे बुलाया, यही मेरा भाग्य है. वे स्नेह मिलन समारोह में बोल रहे थे.
इस अनुसार निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सत्कार, 300 विकलांग बंधुओं को साइकिल का वितरण, वृध्द और दिव्यांग बंधुओं को लकडी की काठी वितरण, विद्यार्थियों को स्टडी टेबल, महिलाओं को घरेलू चक्की वितरण तथा विविध उपक्रम चलाए गए. इस समय तहसील में बडे प्रमाण में राष्ट्रवादी के कार्यकर्ता आए थे.
* मुझसे जान से बढकर प्रेम करनेवाले यही मेेरी संपत्ति- हर्षवर्धन देशमुख
विगत 43 वर्षो के राजनीतिक जीवन में 15 वर्ष के बच्चे से लेकर 90 वर्ष के व्यक्ति ने मुझे भरपूर प्रेम दिया. मैं उन्हें कुछ दूं या ना दूं . उन्होंने उनके प्रेम में तिल भर की भी कमी नही आने दी. मेरे प्रत्येक सुख-दुख में वे मेरे साथ रहे. आज इस जनता का प्रेम यही मेरे जीवन का अमूल्य रत्न है. ऐसे भावनिक उद्गार हर्षवर्धन देशमुख ने कहे.