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हर्षवर्धन देशमुख ने हमारी आवाज को दबाने का काम किया

अपने समर्थकों की बैठक में बोले नरेशचंद्र ठाकरे

* शिवाजी के अध्यक्ष पद पर किया अब अपने पैनल का दावा
* चुनाव में नया पैनल उतारने की घोषणा की
* संस्था के कई आजीवन सदस्यों ने किया ठाकरे की दावेदारी का समर्थन
अमरावती/दि.14- विदर्भ क्षेत्र की सबसे बडी शिक्षा संस्था रहने के साथ ही क्षेत्र के 9 जिलो में अपना प्रभाव रखनेवाली श्री शिवाजी शिक्षा संस्था का पंचवार्षिक चुनाव आगामी सितंबर माह में होने जा रहा है. जिसमें अब तक एकसाथ दिखाई देनेवाले और पिछला चुनाव एक ही पैनल में साथ मिलकर लडनेवाले शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख व उपाध्यक्ष नरेशचंद्र ठाकरे अब एक-दूसरे के खिलाफ खम ठोंकते नजर आ रहे है. जहां एक ओर हर्षवर्धन देशमुख ने लगातार दूसरी बार खुद को अध्यक्ष पद का दावेदार घोषित करते हुए इस चुनाव के लिए अपने पैनल की घोषणा की है. वहीं दूसरी ओर अब तक संस्था के उपाध्यक्ष रहे नरेशचंद्र ठाकरे ने हर्षवर्धन देशमुख पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि, पिछली बार के चुनाव में तत्कालीन अध्यक्ष अरूण शेलके के खिलाफ पैनल बनाकर चुनाव लडते समय यह तय हो गया था कि, उस समय हर्षवर्धन देशमुख अध्यक्ष बनेंगे तथा अगली बार के लिए नरेशचंद्र ठाकरे को अध्यक्ष पद का दावेदार बनाया जायेगा. यह बात बैंक के पूर्व अध्यक्ष वसंतराव धोत्रे के सामने तय हुई थी. लेकिन अब हर्षवर्धन देशमुख अपनी जुबान से पलट गये है. ऐसे में अब हर्षवर्धन देशमुख के खिलाफ वे अपना पैनल उतारेंगे. यानी साफ है कि, पिछली बार जिन लोगों ने एकसाथ मिलकर चुनाव लडा था, अब वे दो अलग-अलग गुटों में विभाजीत हो गये है.
उल्लेखनीय है कि, गत रोज ही नरेशचंद्र ठाकरे द्वारा स्थानीय शेगांव नाका परिसर स्थित अभियंता भवन में अपने समर्थकों की एक बैठक बुलायी थी. जिसमें उन्होंने श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के आगामी चुनावी हेतु अपना पैनल उतारने की घोषणा करते हुए खुद को अध्यक्ष पद का दावेदार भी घोषित किया. इस समय उन्होंने साफ शब्दों में आरोप लगाया कि, वे अगले चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए दावा पेश करेंगे. यह बात हर्षवर्धन देशमुख को काफी अच्छे से पता थी. यहीं वजह है कि, हर्षवर्धन देशमुख ने हमेशा ही उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया और हर काम का श्रेय हर्षवर्धन देशमुख खुद लेते रहे. यह सब बर्दाश्त के बाहर था, लेकिन चूंकि हम लोगों ने चुनाव साथ मिलकर लडा था. अत: शिव परिवार के लिए इसे बर्दाश्त किया गया. लेकिन अब अगले चुनाव के लिए अपना खुदा का पैनल मैदान में उतारते हुए शिव परिवार के समक्ष एक बेहतर पर्याय उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.
गत रोज अभियंता भवन में हुई बैठक मेें पूर्व प्राचार्य व ख्यातनाम वर्‍हाडी कवि डॉ. विठ्ठल यादगीरे, दिनकर गायगोले, केशव मेटकर, राजेंद्र आंडे, राजेंद्र गायगोले, कंचनमाला गावंडे, अशोक उईके, राजाभाउ देशमुख (तलवेलकर), रावसाहब लंगोटे, सुरेंद्र आंडे, डॉ. उत्तम यादगीरे, दिनकर जायले, विकास ठाकरे, नानासाहब हिंगणीकर, अरूण गावंडे, नरहर होले, तेजराव वाटाणे, वसंत विधाते, बालासाहब वैद्य, चंद्रकांत तराल, हरिहर ठाकरे, अशोक राउत, डॉ. प्रमोद झाडे, विलास राउत, दिनेश ठाकरे, नरेंद्र धर्माले, गोपाल मालपे, मोहन चांडक, प्रशांत पडोले, कपिल आंडे, अतुल कान्होलीकर, शैलेश ठाकरे, रमण लंगोटे व श्याम गायगोले सहित शिव परिवार में नरेशचंद्र ठाकरे के समर्थक रहनेवाले अनेकों गणमान्य उपस्थित थे. इस समय नरेशचंद्र ठाकरे सहित पूर्व प्राचार्य व वरिष्ठ वर्‍हाडी कवि डॉ. विठ्ठल वाघ ने सभी उपस्थितों के समक्ष अपने विचार व्यक्त किये.

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