अमरावती/दि.30 – जिले की प्रशासकीय यंत्रणा क्या राजनीतिक शिष्टाचार को भुल गई, इस तरह का प्रश्न अमरावती की सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा के स्वीय सहायक विनोद गुहे ने उपस्थित किया है.
जिले में महाआघाडी की सत्ता है. महाआघाडी के कुछ नेता जो कुछ शासकीय कार्यक्रम अथवा बैठक लेते है वह कोरोना काल की बैठक, कार्यक्रम, उद्घाटन, लोकार्पण समारोह से सांसद नवनीत राणा को जानबुझकर राजनीतिक व्देष के चलते निमंत्रित नहीं किया जाता. इस तरह की करतुत शासकीय यत्रंणा के माध्यम से की जा रही है. शासकीय कार्यक्रम से सांसद को अलग रखकर यंत्रणा शासकीय राजशिष्टाचार को भुल रही है. सांसद को निमंत्रण बाबत अधिकारियों से पूछताछ की तब अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि हमें राजनीतिक दबाव में ऐसे निर्णय लेने पडते है, ऐसा विनोद गुहे ने कहा है.
राजनीतिक विरोधियों ने कितना भी कुछ किया तो भी सांसद नवनीत राणा यह जिले के सर्वांगिण विकास के लिए दिनरात प्रयासरत है. यह जनता को पता हैं. जनता को सांसद के कार्यकाल ऐहसास रहने से उन्हे कार्यक्रम में बुलाये या न बुलाए इसका कोई भी फर्क जनता पर नहीं पडेगा. किंतु इससे उन राजनीतिक लोगों की संकुचित मानसिकता दिखाई देगी. जिले की शासकीय यंत्रणा, अधिकारी किसी न किसी राजनीतिक नेता के दबाव में काम कर रहे है. श्रेयवाद की राजनीति को व प्रशासन को जनता निश्चित ही सबक सिखाएगी, ऐसा विनोद गुहे ने कहा है.