* हिंदू जागृति समिति ने पूछा सवाल
* मी सनातन धर्म रक्षक अभियान छेडेगी
अमरावती/दि.13- हिंदू जनजागृति समिति ने सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया, एचआईवी बीमारी से तुलना करने वाले उदननिधी स्टालन और प्रियंक खरगे पर अब तक कार्रवाई नहीं होने पर प्रश्न उपस्थित किया है. समिति का कहना है कि इन दोनों नेताओं ने सनातन धर्म खत्म करने की भाषा की है. इसलिए इन पर हेट स्पीच के मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए. सरकार किसी शिकायतकर्ता की प्रतीक्षा न करें. यह मांग सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने आज मराठी पत्रकार भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए उठाई. उनके साथ राष्ट्रीय श्रीराम सेना के कवल पांडे, विदर्भ संयोजक श्रीकांत पिसोलकर, विजय दुबे, जयेशभाई राजा, आत्माराम पुरस्वानी, नीलेश टवलारे व अन्य भी उपस्थित थे.
राजहंस ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने गत 28 अप्रैल को दिए आदेश में स्पष्ट कहा है कि कोई हेट स्पीच कर किसी भी समाज की भावना आहत करेगा तो सरकार को बगैर शिकायत खुद होकर दखल लेकर प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए. इसमें विलंब होने पर सर्वोच्च न्यायालय का अपमान माना जाना चाहिए. इतना स्पष्ट आदेश देने पर भी 100 करोड की संख्या रहनेवाले सनातन धर्म के विरोध में वक्तव्य करने वालों पर अब तक अपराध दर्ज क्यों नहीं किया गया. यह प्रश्न राजहंस ने उठाया.
राजहंस ने खुद को पुरोगामी बताने वाले पत्रकार निखिल वागले और राकांपा शरद पवार गुट के जीतेंद्र आव्हाड की सनातन धर्म खत्म करने की भूमिका को समर्थन घोषित करने का उल्लेख कर उन पर भी कार्रवाई की मांग की है.
राजहंस ने बताया कि हिंदू किसी भी धर्म के विरुद्ध नहीं है. राजकीय हिंदुत्व के विरोध में है. किंतु सनातन धर्म खत्म करने की भाषा हो रही है. ऐसे में अर्बन नक्सलवाद का भांडाफोड करने और सरकार को उन पर एक्शन लेने मजबूर करने ‘मैं सनातन धर्मरक्षक’ अभियान छेडने की घोषणा की. उसी प्रकार राजहंस ने षडयंत्र की रजकीय जांच एजेंसी से जांच करवान की मांग की.