* हवेली मंदिर में तनुवित्तजा सेवा प्रकार पर वचनामृत
अमरावती/दि.28– श्री गोवर्धननाथजी हवेली सत्संग मंडल व्दारा आयोजित तनुवित्तजा सेवा प्रकार को समझाते हुए पं पू. गोस्वामी विशाल कुमार महोदयश्री ने कहा कि वैष्णवजन को ब्रज के आनंद की अनुभूति करने पृथ्वी, जल, आकाश तीनों में अलौकिक दृष्टि रखनी चाहिए. जल मतलब श्री यमुनाजी, पृथ्वी अर्थात ब्रज के चौभाजी और आकाश अर्थात ब्रज के बंदर तीनों में हमने आधी दैविक दर्शन करते हुए प्रभु कृपा से सदैव प्रयास करना चाहिए. पुष्टि मार्गीय वैराग पर आपश्री समझाते हैं कि जो प्रभु की सेवा में हो वह परिपूर्ण है. उसी प्रकार कोई चीज अगर अनुकूल नहीं है तो उसका हमें त्याग करना चाहिए.
विगत 2 वर्षो से तनुवित्तजा सेवा प्रकार इस विषय पर पूज्य गो. विशाल कुमार जी पुष्टि मार्ग के इस महत्वपूर्ण विषय पर सरल एवं मधुर वाणी में प्रकाश डाल रहे हैं. बुधवार को उसी श्रृंखला को आगे बढाते हुए आपश्री ने बाह्य भजन के साथ-साथ आंतर भजन का प्रकार मुख्य है, ऐसा समझाया. उन्होंने संतोष और परितोष शब्दों को भी समझाया. चारों ओर से संतोष का अर्थ है परितोष इसलिए प्रभु को हमसे जितनी सेवा लेनी है, उतने साधन प्रभु अवश्य सिद्ध करवाएंगे. इसलिए आनंदपूर्वक प्रेम से सेवा में प्रभुसुखार्थ तत्पर रहना सही वैष्णवन का मुख्य कर्तव्य है. यह वचनामृत शनिवार 30 दिसंबर तक शाम 5 से 7 बजे हवेली रॉयली प्लॉट में आयोजित है. काश्मीरा सेठ, ज्योति गगलानी, नैना वोरा, वीरुबेन राजकोटिया, लीना शाह, रश्मी मेहता, अल्पा राजकोटिया, कीर्ति राजकोटिया, दीप्ती मुंधडा, अंकिता सेठ, उमा झंवर, भक्ति लढ्ढा, नीतूबेन लाखाना, इंदूबेन मेहता, शकुंतला दम्माणी, भारती राजा, हिना राजा, लक्ष्मी करवा, नेहा हिंडोचा, ज्योति ठक्कर, निशा तन्ना, किरण पोपट, सोनल जवेरी, वंदना हिंडोचा, कीर्तिबने, जसुमति गोहिल, अल्पा राजकोटिया, शिल्पा पारेख, तुषारभाई श्रॉफ, मुकेशभाई श्रॉफ, शरद श्रॉफ, आशीष करवा, हितेश राजकोटिया, राजेंद्र पारेख, राजू धानक, गोेविंद दम्माणी, डॉ. घनश्याम बाहेती, मन्नुभाई जवेरी, मधुभाई जवेरी, महेशभाई सेठ और गोवरधन हवेली सत्संग मंडल के सभी सभासद उत्साह से उपस्थित रहे. आयोजन को सफल बनाने हितेश भाई राजकोटिया, वंदना हिंडोचा, आशीष करवा, ब्रजेश वसानी, संदीप हिंडोचा और अन्य सभी प्रयत्नशील है.