अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

क्या लोकसभा के बाद बदल गये हैं विधानसभा के समीकरण?

जिले के 8 क्षेत्रों का मामला

* महायुति के इच्छुकों की बढी धडकनें
* आघाडी में दावेदारों में उत्साह
अमरावती/दि.19 – लोकसभा चुनाव का नतीजा घोषित हुए दो सप्ताह बीत गये. अगले सप्ताह से संसद और विधानमंडल दोनों ही सत्र आरंभ होने वाले हैं. प्रदेश में कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अमरावती जिले के 8 क्षेत्रों को लेकर दावा किया जा रहा कि, लोकसभा चुनाव के नतीजों के पश्चात समीकरण बदल गये हैं. दावा है कि, महायुति के दावेदारों की धाकधुक बढ गई है, तो महाविकास आघाडी के दावेदार जोश में है. संख्या भी निरंतर बढ रही है. हालांकि लोकसभा चुनाव का नतीजा बदला नहीं है. पिछली बार भी आघाडी का उम्मीदवार विजयी हुआ था. इस बार भी आघाडी ने बाजी मार ली है. ऐसे में राजनीति के जानकार अपने-अपने तर्क-वितर्क कर रहे हैं. आघाडी के बलवंत वानखडे महायुति की नवनीत राणा को परास्त कर संसद की सीढियां चढ चुके हैं.
* अमरावती में क्या होगी स्थिति
विधानसभा चुनाव सन्निकट होने से राजनीतिक हलचल बढ गई है. अमरावती में कांग्रेस की सुलभा खोडके वर्तमान विधायक है. उन्होंने दो रोज पहले जोरदार सम्मेलन लेकर इस बार भी ‘लक्ष्य’ अमरावती विधानसभा रहने का ऐलान कार्यकर्ताओं के जोशपूर्ण प्रतिसाद के बीच कर दिया. कांग्रेस में ही पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख के साथ नये चेहरे से टिकट के लिए विधायक खोडके की स्पर्धा रह सकती है. कांग्रेस से डॉ. देशमुख या नये चेहरे को मौका मिलने पर सुलभा खोडके राकांपा अजीत पवार गट से भी टिकट ला सकती है. वहां भी उम्मीदवारी न मिलने पर सुलभा खोडके के निर्दलीय चुनाव लडने की चर्चा अभी से हो रही है.
* भाजपा में नये-पुराने चेहरे
भाजपा में एड. प्रशांत देशपांडे, किरण पातुरकर के साथ भूतपूर्व विधायक जगदीश गुप्ता का नाम चल रहा है, ऐसी चर्चा भाजपा के पदाधिकारी कहते सुने गये हैं. यह भी चर्चा है कि, प्रवीण पोटे को अमरावती से विधानसभा चुनाव लडवाया जा सकता है. पोटे एक तगडे उम्मीदवार माने जा रहे हैं.
* बडनेरा में महायुति से राणा
बगलवाले बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक रवि राणा महायुति के होने से उन्हें ही उम्मीदवारी मिलने की संभावना अभी से जतायी जा रही. उस स्थिति में भाजपा नेता तुषार भारतीय निर्दलीय रुप से उन्हें टक्कर देंगे, ऐसी संभावना बतायी जा रही. महाआघाडी में शिवसेना उबाठा के पास बडनेरा से अनेक दावेदार चर्चा में है. महिला नेता प्रीति बंड, जिला प्रमुख सुनील खराटे, पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने दावा करने वाले हैं. खराटे वहां एक्टीव रहे हैं.
* यशोमति ठाकुर को कौन देगा टक्कर?
तिवसा विधानसभा पिछले 4 अवसरों से कांगे्रस की यशोमति ठाकुर के पास है. इस बार भी ठाकुर और भाजपा के राजेश वानखडे के बीच टक्कर की संभावना सियासत के जानकार देख रहे हैं. भाजपा से ही रविराज देशुमख और अन्य दावा कर सकते हैं.
* अचलपुर में कडू-देशमुख भिडंत
अचलपुर में एक बार फिर बच्चू कडू एवं कांगे्रस जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख के बीच टक्कर होने की संभावना बतायी जा रही है. यहां भाजपा भी तगडा प्रत्याशी देेगी. पिछली बार भी भाजपा प्रत्याशी ने कडू को नाको चने चबवा दिये थे. इस बार विधायक रवि राणा का अचलपुर विधानसभा पर विशेष ध्यान रहेगा. उनके युवा स्वाभिमान की अचलपुर, परतवाडा में पैठ बताई जाती है. राणा पहले ही नवनीत की लोकसभा में हार के लिए बच्चू कडू को जिम्मेदार बता चुके हैं. कडू ने लोकसभा में दिनेश बूब को प्रहार से मैदान में उतार राणा का खेल खराब कर दिया था.
* मेलघाट में त्रिकोणीय टक्कर
मेलघाट में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार अभी से बताये जा रहे हैं. वहां प्रहार के विधायक राजकुमार पटेल की पकड मजबूत है. हालांकि वे लोकसभा में पार्टी के प्रत्याशी दिनेश बूब को बढत नहीं दिलवा सके थे. ऐसे में भाजपा के रमेश मावस्कर और महाविकास आघाडी से दारशिंबे या अन्य किंतु कडा प्रतिस्पर्धी पटेल के सामने मैदान में होगा. इस बात को लेकर राजनीतिक जानकार पक्के बताये जा रहे हैं.
* दर्यापुर में कौन होगा प्रत्याशी?
दर्यापुर के विधायक बलवंत वानखडे के लोकसभा पर चुने जाने से यहां की अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित सीट पर कांग्रेस को तगडे प्रत्याशी की तलाश है, तो महायुति से भाजपा के रमेश बुंदीले, शिवसेना शिंदे गट के अभिजीत अडसूल दावेदार हैं. दोनों ही दर्यापुर का विधानसभा में प्रतिधिनित्व कर चुके हैं.
* अडसड का किला धामणगांव
धामणगांव विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के जिले के एकमात्र विधायक प्रताप अडसड है. इस बार भी अडसड मैदान में होंगे. उनके सामने कांगे्रस के परंपरागत प्रतिस्पर्धी प्रा. वीरेंद्र वानखडे होते हैं, या मविआ में हाल ही में आये बडे सहकार नेता को मौका मिलता है, यह देखने वाली बात होगी. अभी तो विहंगावलोकन में केवल इतना ही कह सकते हैं कि, जिले की 8 विधानसभा सीटों में से अधिकांश पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार है. लोकसभा चुनाव नतीजे ने जो कथित बदलाव लाया है, वह विधानसभा चुनाव में क्या असर दिखाएंगा, अभी कहना मुश्किल है.

Related Articles

Back to top button