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क्या फिर टल गये महापालिका चुनाव?

सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई टली

* आदेश के बाद भी 90 दिन चाहिए प्रक्रिया हेतु
* जानकारों का भी यहीं अंदाज
अमरावती/दि.21– महापालिका चुनाव संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई नहीं होगी. जिससे राज्य की महापालिका के वर्षों से प्रलंबित चुनाव और कुछ माह प्रलंबित होने की संभावना जानकार बता रहे हैं. जानकारों का तो यह भी कहना है कि, अप्रैल-मई में चुनाव संभव नहीं होने पर यह सितंबर-अक्तूबर तक प्रलंबित हो सकते हैं.

* तीन वर्षों से प्रशासक राज
उल्लेखनीय है कि, अमरावती अकोला सहित प्रदेश की 23 महापालिका में लगभग 3 वर्षों से प्रशासक राज चला आ रहा है. प्रभाग रचना, जनसंख्या में 10 प्रतिशत बढोत्तरी का अंदाज लेकर तय की गई सदस्य संख्या और ओबीसी आरक्षण को लेकर 57 अलग-अलग याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल है. जिस पर कल बुधवार 22 जनवरी को सुनवाई होनी थी. किंतु कोर्ट की विषय सूची में इन याचिकाओं का समावेश नहीं है. सुनवाई अगले सप्ताह होने की संभावना हालांकि विधि क्षेत्र के जानकार बता रहे हैं.

* प्रभाग रचना को ही चुनौती
महापालिका की तीन सदस्यीय प्रभाग रचना की गई थी. उस समय राज्य में मविआ की सरकार थी. प्रभाग रचना कर आरक्षण ड्रा भी निकाले गये थे. किंतु सरकार गिरने के बाद युति की सरकार आरुढ हुई. जिसने प्रभाग रचना दोबारा 4 सदस्यीय करने की अधिसूचना जारी की. अब प्रभाग रचना को 2017 के अनुसार कायम रखने पर भी जनसंख्या बढने से प्रभागों की संख्या बढने की संभावना बतायी गई थी. अमरावती में ही 10-11 वार्ड बढने की संभावना बतायी गई थी.

* तीन महीने की प्रक्रिया
इस बीच जानकारों ने बताया कि, सर्वोच्च न्यायालय में इस माह के अंत तक निर्णय न होने की स्थिति में अप्रैल-मई में चुनाव संभव नहीं हो पाएंगे. इसके बाद बारिश का अंदेशा रहता है. इसलिए मनपा चुनाव सितंबर-अक्तूबर तक टलने की आशंका कुछ लोग व्यक्त कर रहे हैं. वहीं सत्ता पक्ष के लोगों का अंदाज है कि, जनवरी अंत में कोर्ट का निर्णय आ जाएंगा और चुनाव होंगे. इस बीच कानून के जानकारों ने बताया कि, चुनाव के लिए आयोग को कम से कम 90 दिनों की अवधि चाहिए. इस दौरान प्रभाग रचना करना, उस पर आक्षेप और सुझाव की प्रक्रिया तथा अंतिम प्रभाग रचना, वोटर लिस्ट तैयार करनी होती है. जिसमें तीन महीने जाते हैं.

* इच्छुक लगे हैं काम से
उल्लेखनीय है कि, सभी दलों में चुनाव लडने के इच्छुक विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद से अपने-अपने प्रभाग में काम से लग गये हैं. इतना ही नहीं तो सियासी दलों के भी कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित होने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. शिवसेना उबाठा ने निकाय चुनाव को देखत हुए अपने नये सिपहसालार घोषित किये हैं. कांग्रेस भी इसी जुगत में है. शिवसेना शिंदे गट का आज ही शहर में बडा कार्यकर्ता सम्मेलन होने जा रहा है. पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को महापालिका, पालिका, जिला परिषद, ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के इलेक्शन का बेताबी से इंतजार हैं.

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