अमरावती

इन जंगली सब्जियों का स्वाद लिया है कभी?

अमरावती/दि.28 – मेलघाट सहित जिले में 66 तरह की जंगली साग-सब्जियां पैदा होती है और बारिश का मौसम शुरु होते ही जंगली सब्जियों की बहार आ जाती है. यह जंगली सब्जियां काफी स्वादिष्ट व पौष्टिक होती है और निश्चित मौसम में ही आती है. बारिश के मौसम दौरान किसी भी तरह की बुआई अथवा खेती-किसानी न करते हुए तथा किसी भी तरह की खाद व किटनाशक का प्रयोग किए बिना यह जंगली सब्जियां पूरी तरह से नैसर्गिक पद्धति से उगती है. जिनमें कई औषधिय गुणधर्म भी होते है. जिसके चलते इन जंगली सब्जियों को स्वास्थ्यवर्धक भी माना जाता है. ऐसे में बारिश के मौसम दौरान विभिन्न तरह की जंगली सब्जियों का सेवन जरुर करना चाहिए.

* जंगली सब्जियों के प्रमुख प्रकार
– घोल
घोल भाजी में कई तरह के पौष्टिक घटक, विटायमिन, मिनरल्स व फायबर होते है. यह एक जंगली सब्जी है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के साथ ही यकृत यानि किडनी के कार्यतंत्र को सुधारती है.
– तरोटा
बारिश के मौसम दौरान हर ओर तरोटा के पौधे अपने आप उगते है. तरोटा के कोमल पत्तों की सब्जी बनाई जा सकती है. तरोटा यह चर्मरोग के लिए बेहद उपयुक्त है. साथ ही शरीर में वात व कफ के दोष को कम करता है. यह एक बहुगुणी जंगली सब्जी है. जिससे इसब, एलर्जी, सोराइसिस व खरुज जैसे विकार कम होते है.
– वाघाटी
यह एक तरह की बेल होती है. जिसके कोमल पत्तों की सब्जी आषाढी एकादशी के दूसरे दिन बनाकर खाने की प्रथा है. जिसकी वजह से वाघाटी का अपना महत्व है. यह रोग प्रतिकारक शक्ति को बढाने वाली जंगली सब्जी है.
– कर्टूले
कर्टूले भी एक तरह की जंगली सब्जी है. बारिश के मौसम दौरान जंगल क्षेत्र में कर्टूले की बेल अपने आप ही नैसर्गिक रुप से उगती और बढती है. जिस पर कर्टूले के फल लगते है, जो श्रावण व भाद्रपद माह के दौरान विक्री के लिए आते है. कर्टूले में बडे पैमाने पर विटामिन, मिनरल व फायबर होते है. साथ ही यह सब्जी डायबिटीज की बीमारी पर बेहद उपयुक्त है.
– जीवती
जीवती अपने आप में एक दुर्लभ जंगली सब्जी है. जिसके फूलों से भाजी तैयार की जाती है. औषधिय गुणधर्मयुक्त जीवती के फूलों का टॉनिक के तौर पर भी प्रयोग होता है. साथ ही इन फूलों को च्यवनप्राश के भी प्रयुक्त किया जाता है.
– गुलवेल
गुलवेल का आयुर्वेद में अनन्य साधारण महत्व है. कैंसर, ज्वर, त्रिदोष विकार, त्वचारोग, नेत्रविकार, मधुमेह, मूत्र विकार, यकृत विकार, रक्त शर्करा, सर्दी, खांसी व हृदय विकार जैसे रोगों पर गुलवेल एक उपयोगी औषधी है. इस वनस्पती के पत्तों में भी औषधिय गुणधर्म होते है. जिनकी सब्जी बनाई जाती है.
– अंबाडी
अंबाडी की सब्जी कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, झिंक तथा विटायमिन-ए व विटायमिन-सी जैसे पोषक घटकों सहित खनिजों का उत्तम स्त्रोत है. उत्तम प्रमाण में लौह तत्व एवं पॉलिक एसिड उपलब्ध रहने के चलते अंबाडी की सब्जी के सेवन से रक्तवर्धन सहित आंख, केश, हड्डी व रक्तदाब की स्थिति सुधरती है.

* सभी तरह की जंगली सब्जियां बेहद आरोग्यवर्धक होती है. जंगली सब्जियों में लौह तत्व, तंतुमय पदार्थ व अन्य खनिजों के साथ ही औषधिय गुणधर्म होते है. जिसके चलते जंगली सब्जियों के सेवन से कई बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है. बारिश के मौसम दौरान सहज तरीके से उपलब्ध होने वाली जंगली सब्जियों का सेवन जरुर करना चाहिए. क्योंकि जंगली सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बेहद पौष्टिक होती है.
– डॉ. रा. भ. गिरी,
आयुर्वेद विशेषज्ञ.

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