क्या आपने हासिल किया है चारित्र्य प्रमाणपत्र?
अमरावती /दि.25– सरकारी व अर्धसरकारी नौकरी में नियुक्ति सहित निजी आस्थापनाओं एवं अन्य कामों के लिए कई बार चारित्र्य प्रमाणपत्र यानि कैरेक्टर सर्टीफिकेट को प्रस्तूत करना बेहद आवश्यक होता है. जिसके जरिए यह देखा जाता है कि, कही संबंधित व्यक्ति पर किसी तरह का कोई अपराधिक मामला तो दर्ज नहीं है. ऐसे में कई बार पुलिस महकमे की ओर से दिये जाने वाले चारित्र्य प्रमाणपत्र को बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज मानते हुए सरकारी अथवा निजी नियोक्ताओं द्वारा इसकी मांग की जाती है.
* किसे होती है जरुरत?
जब कोई व्यक्ति अपनी नौकरी बदलता है अथवा नये नौकरी के लिए आवेदन करता है, तो उसे अपने अच्छे चरित्र का सबूत देना होता है. इसके साथ ही पासपोर्ट निकालने के लिए भी चारित्र्य प्रमाणपत्र की जरुरत होती है.
* कैसे करें आवेदन?
आवेदक को ‘आपले सरकार’ पोर्टल पर चारित्र्य प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करना होता है. जहां पर पंजीयन करते समय आवेदक को वह जिस पुलिस थाना क्षेत्र में निवास करता है. उसकी जानकारी दर्ज करनी होती है. जिसके आधार पर शहरी अथवा ग्रामीण पुलिस विभाग के पास उस आवेदन को भेजकर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कहीं कोई अपराधिक मामला तो दर्ज नहीं, इसकी पडताल की जाती है.
* कैसे मिलता है प्रमाणपत्र?
आवेदन मंजूर होने के बाद ऑनलाइन पोर्टल से प्रमाणपत्र को डाउनलोड करते हुए उसकी प्रिंट निकाली जा सकती है. साथ ही पुलिस आयुक्तालय अथवा पुलिस अधीक्षक कार्यालय की विशेष शाखा से भी चारित्र्य प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है.
* कौन से दस्तावेज जरुरी?
किसी भी व्यक्ति को चारित्र्य प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अपना पहचानपत्र, निवासी प्रमाणपत्र, आयु प्रमाणपत्र तथा जहां पर चारित्र्य प्रमाणपत्र प्रस्तूत करना है, वहां से इस संदर्भ में की गई मांग का पत्र प्रस्तूत करना होता है.
* 11 माह में 2 हजार लोगों ने हासिल किया प्रमाणपत्र
जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय की विशेष शाखा के अनुसार जनवरी से नवंबर इन 11 माह के दौरान 2 हजार से अधिक लोगों को चारित्र्य प्रमाणपत्र दिया गया.
* सरकारी व अर्धसरकारी सहित निजी आस्थापनाओं मेें नौकरी के लिए उम्मीदवारों से चारित्र्य जांच प्रमाणपत्र मांगा जाता है. सरकारी नौकरियों में तो यह प्रमाणपत्र प्रस्तूत करना बेहद अनिवार्य है. ग्रामीण पुलिस के पास किसी भी व्यक्ति द्वारा ऑनलाइन आवेदन किये जाने के बाद उसे तय समय के भीतर चारित्र्य प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है.
– गोपाल उंबरकर,
पुलिस निरीक्षक,
विशेष शाखा, ग्रामीण पुलिस