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हव्याप्रमं का नया नाम होगा अंबादासपंत वैद्य डीम्ड युनिवर्सिटी ऑफ स्पोर्ट

गत रोज ही बजट में अभिमत विद्यापीठ के दर्जे को दी गई है मंजूरी

* अब प्रस्ताव जाएगा युजीसी के पास, युजीसी की मान्यता मिलते ही बदलेगा नाम
* एक साल का समय लगने की संभावना, मूलभूत सुविधाओं के लिए मांगा गया 100 करोड का अनुदान
* नये अभिमत क्रीडा विद्यापीठ में होगा 6 क्रीडा संबंधित पाठ्यक्रमों का संचालन
* हव्याप्रमं को अभिमत विद्यापीठ में बदलने की तैयारियां शुरु, मंडल में हर्ष का माहौल
अमरावती/दि.10 – गत रोज राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वर्ष 2023-24 के लिए अपनी सरकार का बजट पेश करते हुए अमरावती के श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल को अभिमत क्रीडा विद्यापीठ का दर्जा दिए जाने की घोषणा की. इसके साथ ही अब श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल को एक नई पहचान मिलने का रास्ता खुल गया है. उल्लेखनीय है कि, क्रीडा क्षेत्र में अपने योगदान के लिए देश सहित समूचित दुनिया में विख्यात रहने वाले श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल ने खुद को क्रीडा विद्यापीठ के तौर पर मान्यता मिलने और क्रीडा संबंधित 6 पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति मिलने हेतु सरकार के समक्ष प्रस्ताव पेश किया था. जिसके तहत हव्याप्रमं ने खुद के लिए अंबादासपंत वैद्य युनिवर्सिटी ऑफ स्पोर्ट का नाम प्रस्तावित किया था. चूंकि अब डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हव्याप्रमं को अभिमत विद्यापीठ का दर्जा दिए जाने की घोषणा की है. जिसके चलते हव्याप्रमं का नया नाम अंबादासपंत वैद्य डीम्ड युनिवर्सिटी ऑॅफ स्पोर्ट होगा.
बता दें कि, हव्याप्रमं ने खुद को क्रीडा विद्यापीठ के तौर पर मान्यता मिलने का प्रस्ताव प्रस्तूत करने के साथ ही अपने यहां पर क्रीडा संबंधित 6 पाठ्यक्रम चलाए जाने की अनुमति भी मांगी थी. जिसमें स्पोर्ट फिजिकल एज्यूकेशन, सायंस डिपार्टमेंट (स्पोर्ट संबंधित), स्पोर्ट मैनेजमेंट एण्ड एडमिनिस्ट्रेशन, योगा एण्ड ट्रेडिशनल स्पोर्ट डिपार्टमेंट, वोकेशनल स्पोर्ट एण्ड स्कील एज्यूकेशन तथा कम्प्यूटर एप्लीकेशन एण्ड टेक्नॉलॉजी इन स्पोर्ट इन पाठ्यक्रमों को चलाए जाने की अनुमति मांगी गई थी. चूंकि गत रोज ही राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार की ओर से श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल को क्रीडा अभिमत विद्यापीठ का दर्जा दिए जाने की मंजूरी संदर्भ में घोषणा कर दी है, तो इसका सीधा मतलब है कि, तमाम आवश्यक प्रक्रिया को पूरा करने के बाद हनुमान अखाडे के रुप में विख्यात श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल बहुत जल्द अंबादासपंत वैद्य डीम्ड युनिवर्सिटी ऑफ स्पोर्ट के तौर पर काम करना शुरु कर देगा और यहां पर क्रीडा संबंधित पाठ्यक्रमों का संचालन भी होगा.

* अब आगे की प्रक्रिया कैसी होगी
उल्लेखनीय है कि, भारत में सभी सरकारी, निजी व अभिमत विद्यापीठों का संचालन केंद्रीय विश्व विद्यालय अनुदान आयोग यानि युजीसी द्बारा किया जाता है. ऐसे में अब हव्याप्रमं द्बारा सभी नियमों व शर्तों के अधीन रहते हुए युजीसी के पास खुद को अभिमत क्रीडा विद्यापीठ के तौर पर मान्यता मिलने हेतु आवेदन किया जाएगा. साथ ही इस आवेदन के साथ महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले एनओसी प्रमाणपत्र को भी जोडा जाएगा. जिसके बाद युजीसी की एक समिति हव्याप्रमं का दौरा करने अमरावती आएंगी और हव्याप्रमं के परिसर व यहां उपलब्ध सुविधाओं सहित वहां पर चलने वाले शैक्षणिक कामकाज की समीक्षा करने के उपरान्त हव्याप्रमं को अभिमत विद्यापीठ के तौर पर मान्यता दिए जाने को मंजूरी प्रदान की जाएगी. जिसके बाद अधिकाधिक रुप से हव्याप्रमं का नाम बदलकर अंबादासपंत वैद्य डीम्ड युनिवर्सिटी ऑफ स्पोर्ट हो जाएगा.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस अभिमत क्रीडा विद्यापीठ से अमरावती शहर व जिले सहित संभाग का कोई भी अन्य कॉलेज संलग्नित नहीं रहेगा. ऐसे में हव्याप्रमं परिसर में विद्यापीठीय सुविधाओं को उपलब्ध कराने, कुछ इमारतों का काम करने तथा आवश्यक कर्मचारियों की भर्ती करने हेतु हव्याप्रमं द्बारा सरकार से 100 करोड रुपए की मांग की गई है.

* देश में है 124 डीम्ड युनिवर्सिटी
युजीसी द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस समय देश में 124 डीम्ड युनिवर्सिटी यानि अभिमत युनिवर्सिटी है. हालांकि अब भी कई लोगों को डीम्ड युनिवर्सिटी यानि क्या, यह नहीं पता. युजीसी एक्ट की धारा 3 के तहत डीम्ड युनिवर्सिटी का दर्जा ऐसी शिक्षा संस्थाओं को दिया जाता है, जो किसी विशिष्ट क्षेत्र में बेहद उच्चस्तर पर काम करती है. इन विद्यापीठों को अन्य विद्यापीठों की तरह एकेडमिक स्टेटर्स की सुविधा मिलती है. साथ ही उन्हें अपने कोर्स, सिलेबस, एडमिशन तथा फीस तय करने का पूर्ण स्वातंत्र रहता है. अभिमत विद्यापीठ का दर्जा प्राप्त करने हेतु संबंधित शिक्षा संस्था को कई कसौटियां भी पार करनी पडती है. जिसके तहत कम से कम 2 वर्ष तक एनआईआर यानि अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ऑन इनोवेशन अचिवमेंट की रैंकिंग में विशिष्ट श्रेणी के तहत टॉप-50 व टॉप-200 की सूची में स्थान हासिल करना आवश्यक होता है. इसके अलावा रेगुलर प्रोग्रॉम में भी 2 हजार से अधिक विद्यार्थियों का रहना आवश्यक है. इन सभी शर्तों के आधार पर किसी विशिष्ट क्षेत्र में उच्चस्तर का काम करने वाले शिक्षा संस्थान को अभिमत विद्यापीठ का दर्जा प्रदान किया जाता है.

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