फिर सामने आया हवाला कारोबारी कमलेश शाह का नाम
पिछली बार अमरावती में पकडी गई थी साढे 3 करोड रुपयों की रकम
* इस बार वर्धा में लूटी गई साढे 4 करोड की नगद राशि
* दोनों मामलों को लेकर अब तक सस्पेंस जारी
* अमरावती में दो साल पहले उजागर हुआ था हवाला
* रकम किसकी थी, कहां जा रही थी, अब तक पता नहीं चला
* अब नागपुर से हैदराबाद रकम भेजे जाने का मामला आया सामने
अमरावती /दि.9– दो दिन पहले नागपुर से हैदराबाद की ओर जा रही कार को ओवरटेक करने के साथ ही उसे बीच रास्तें में अडाते हुए कार में सवार दो लोगों को पिस्तौल की नोक पर धमकाने और करीब साढे 4 करोड की नगद रकम लेकर जा रही इस कार को लेकर भाग जाने की घटना वर्धा जिले में घटित हुई थी. जिसमें पता चला था कि, उक्त रकम गुजरात के बापू नगर में रहने वाले कमलेश शाह नामक व्यक्ति की थी और इस रकम को नागपुर से कार की सीट के भीतर बनाए गए खुफिया बॉक्स में रखकर हैदराबाद ले जाया जा रहा था. इस घटना ने करीब 2 वर्ष पहले अमरावती में उजागर हुए एक मामले की याद ताजा करा दी. जब 26 और 27 जुलाई 2021 की दरम्यानी रात अमरावती की राजापेठ पुलिस ने फरशी स्टॉप परिसर में नाकाबंदी के दौरान दो स्कार्पिओ वाहन को जांच हेतु रुकवाया था और इन दोनों वाहनों में सीट के नीचे बने खुफिया बॉक्स के भीतर रखी हुई साढे 3 करोड रुपए की रकम बरामद की गई थी. विशेषउल्लेखनीय है कि, उस समय भी उक्त रकम का मालिक गुजरात निवासी कमलेश शाह को बताया गया था और कमलेश शाह ने भी उस रकम पर दावा ठोंकते हुए उसे वापिस प्राप्त करने हेतु स्थानीय अदालत में याचिका दायर की थी. हालांकि आगे चलकर उस मामले का क्या हुआ और पुलिस की जांच कहा तक पहुंची. इसका कोई अता-पता अब तक नहीं चल पाया है. वहीं अब वर्धा जिले में बीच सडक पर हुई लूटपाट की घटना के चलते कमलेश शाह का नाम एक बार फिर सामने आया है. जिससे इतना तो स्पष्ट हो गया है कि, कमलेश शाह नामक हलावा कारोबारी द्बारा अमरावती सहित नागपुर को अपने हवाला कारोबार का गढ बनाकर रखा गया है.
बता दें कि, 27 जुलाई 2021 को तडके राजापेठ पुलिस ने फरश्ी स्टॉप के निकट दो स्कार्पिओ वाहनों को रुकवाया था. जिनमें सवार 4 लोगों को करीब साढे 3 करोड रुपए की रकम के साथ पकडा गया था. साथ ही उनकी निशानदेही पर फरशी स्टॉप के पास ही विमल कालोनी स्थित वीणा अपार्टमेंट के फ्लैट में छापा मारकर अन्य दो लोगों को पकडा गया था. साथ ही इस फ्लैट से करीब डेढ लाख रुपए नगद सहित नोट गिनने की मशीनें भी बरामद की गई थी.
विशेष उल्लेखनीय है कि, उस समय पकडे गए सभी 6 आरोपी मूलत: गुजरात राज्य के निवासी थे. जिन्होंने पुलिस द्बारा की गई पूछताछ में बताया था कि, उक्त रकम व फ्लैट गुजरात निवासी कमलेश शाह के है और वे लोग कमलेश शाह के लिए ही काम करते है तथा कमलेश शाह के कहने पर ही उस रकम को किसी अन्य स्थान पर पहुंचाने के लिए केवल जा रहे थे. जिसके बाद राजापेठ पुलिस से इस मामले की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध शाखा तथा आयकर विभाग को सौंपा गया था. साथ ही कमलेश शाह की ओर से स्थानीय अदालत में उक्त रकम पर अपना दावा ठोंकते हुए उक्त रकम वापिस मिलने हेतु याचिका दायर की गई थी. जिसे लेकर अदालत में काफी लंबे समय तक सुनवाई भी चली थी. हालांकि इसके बाद आगे क्या हुआ. यह किसी को पता ही नहीं चला. वहीं अब एक बार फिर हवाला कारोबारी कमलेश शाह का नाम चर्चा में आया है. क्योंकि दो दिन पहले कमलेश शाह के मूलत: गुजरात निवासी दो ड्राइवर कार में गुप्त तरीके से साढे 4 करोड रुपए की नगद रकम लेकर नागपुर से हैदराबाद जाने के लिए रवाना हुए थे. जिन्हें वर्धा जिले में सायरन बजाती हुई लालबत्ती वाली कार में सवार होकर आए 5 लोगों ने बीच रास्तें में रुकवाया था. उसमें से एक व्यक्ति अपनी कार लेकर आगे निकल गया. वहीं अन्य 4 लोगों ने नगद रकम से भरी कार में सवार दोनों डाइवरों को पिस्तौल का धाक दिखाते हुए कार से नीचे उतारा और साढे 4 करोड रुपए की नगद रकम सहित कार लेकर भाग गए थे. हालांकि वर्धा पुलिस ने अगले 5 घंटे के भीतर नागपुर से तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से करीब सवा 3 करोड रुपए की नगद रकम जब्त करने में सफलता हासिल की थी. साथ ही अन्य 2 आरोपियों एवं करीब सवा करोड रुपए की शेष रकम की तलाश जारी है. लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि, आखिर इतनी बडी रकम इस तरह चोरी-छिपे तरीके से कार में रखकर नागपुर से हैदराबाद क्यों ले जायी जा रही थी. यह रकम किन लोगों से जमा की गई थी और हैदराबाद में इसका भुगतान किन लोगों को किया जाना था. साथ ही सबसे बडा सवाल यह भी है कि, मूलत: गुजरात में रहने वाले कमलेश शाह नामक व्यक्ति का आखिल विदर्भ क्षेत्र से क्या कनेक्शन है और हर बार करोडों रुपए की रकम के मामलों में कमलेश शाह का नाम ही जुडकर सामने कैसे आ रहा है.