अमरावती

रापनि चालकों व वाहकों के स्वास्थ्य जांच की अनदेखी

साल मेें एक बार शारीरिक व मानसिक जांच करना है जरुरी

अमरावती /दि.25- कामगार कानून के मुताबिक राज्य परिवहन निगम के चालक व वाहक कर्मचारियों को की नियमित तौर पर शारिरीक व मानसिक स्वास्थ्य जांच करना बेहद आवश्यक होता है. जिसके लिए आगार निहाय मानसेवी वैद्यकीय अधिकारी नियुक्त किए जाते है. जिसके द्बारा जिले में आगार निहाय चालक व वाहक के साथ ही यांत्रिकी व प्रशासकीय रापनि कर्मियों की स्वास्थ्य जांच करना होता है. परंतु नियम रहने के बावजूद भी इसे लेकर महज कागजी खानापूर्ति कर ली जाती है और रापनि कर्मियों की गंभीरतापूर्वक स्वास्थ्य जांच करने की ओर अनदेखी की जाती है.
उल्लेखनीय है कि, कई बार रापनि बस चालक को फीट या मिर्गी का दौरा आने अथवा हृदयाघात होने की वजह से रापनि बसों के साथ हादसे घटित होने की घटनाएं सामने आ चुकी है. ऐसी घटनाओं को रोकने के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा खतरे में न पडे और बस चालकों का स्वास्थ्य व्यवस्थित रहे, इस हेतु रापनि बस चालकों तथा वाहकों की नियमित स्वास्थ्य जांच होना बेहद जरुरी है. परंतु इस महत्वपूर्ण कार्य की ओर कई बार रापनि द्बारा अनदेखी की जाती है.
बता दें कि, अमरावती जिले में रापनि के कुल 8 आगार है. जिनमें अमरावती, बडनेरा, दर्यापुर, परतवाडा, चांदूर बाजार, वरुड, मोर्शी व चांदूर रेल्वे आगार का समावेश है. इन सभी आगारों में 734 चालक व 809 वाहक सहित अन्य कर्मचारियों को मिलाकर 25 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत है. इन सभी कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच शुरु रहने की जानकारी विभाग नियंत्रक कार्यालय द्बारा दी गई है. वहीं रापनि कर्मचारी एवं उनके संगठनों द्बारा ऐसा होने से इंकार किया गया है.

* नियमित जांच आवश्यक
रापनि कर्मचारी की नियमित स्वास्थ्य जांच बेहद आवश्यक है. जिसके अनुसार स्वास्थ्य जांच शिविर जारी रहने की बात रापनि प्रशासन द्बारा कहीं गई है.

* प्रत्येक आगार के लिए एक मानसेवी वैद्यकीय अधिकारी
रापनि कर्मचारियों की जांच करने हेतु प्रत्येक आगार में एक-एक मानसेवी वैद्यकीय अधिकारी की नियुक्ति की गई है.

* हादसा घटित होने पर जिम्मेदार कौन?
यदि कर्मचारियों की नियमित स्वास्थ्य जांच नहीं होती है और इस वजह से कोई सडक हादसा घटित होता है, तो इसकी जिम्मेदारी किस पर होगी, यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है.
– इससे पहले भी कई बार बस चलाते समय रापनि बस चालक को मिर्गी या फीट सहित दिल का दौरा पडने की घटनाएं सामने आ चुकी है. जिसकी वजह से कुछ सडक हादसे भी घटित हुए है. जिसे देखते हुए रापनि बस चालकों की समय-समय पर नियमित रुप से स्वास्थ्य जांच करना बेहद आवश्यक हो जाता है.

* नेत्र जांच होती है नियमित
अमरावती जिले के अमरावती व बडनेरा इन दो आगारों को छोडकर इस समय शेष 6 आगारों में स्वास्थ्य अधिकारी के जरिए स्वास्थ्य जांच शिविर चल रहे है. इसके साथ ही बस चालकों व वाहकों की नेत्रजांच नियमित रुप से की जाती है. ऐसी जानकारी रापनि के स्थानीय कार्यालय द्बारा दी गई है.

* कभी स्वास्थ्य जांच हुई है क्या?
4 से 5 माह पूर्व स्वास्थ्य जांच हुई थी. वहीं अब आगार निहाय स्वास्थ्य जांच के शिविर लिए जा रहे है. जिसमें प्रमुख रुप से नेत्र जांच हो रही है.
– शक्ति चव्हाण,
विभागीय सचिव,

यात्रियों की जान खतरे में न पडे, इस हेतु नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच होना बेहद आवश्यक है. लेकिन स्वास्थ्य जांच शिविर के नाम पर बस चालकों की केवल नेत्रजांच ही होती है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, नियमित तौर पर शारीरिक स्वास्थ्य जांच की जाए.
– मोहित देशमुख,
विभागीय सचिव, एसटी कामगार संगठन

यात्रियों को लेकर बस चलाने वाले रापनि चालकों की स्वास्थ्य जांच के संदर्भ में वरिष्ठ स्तर से निर्देश दिए गए है. जिसके चलते आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाते है. इस समय विविध आगारों में स्वास्थ्य जांच शिविर चल रहे है.
– नीलेश बेलसरे,
विभाग नियंत्रक, रापनि

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