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फांसी होनी चाहिए, पॉलिटिक्स से हमें लेना देना नहीं

आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनुपमा देशमुख और सचिव डॉ. बेले की मांग

* कोलकाता का रेप और मर्डर केस
अमरावती/दि.16- कोलकाता के चर्चित रेप और मर्डर केस की आंच अंबा नगरी पहुंच गई. इंडियन मेडिकल असो. की अध्यक्ष डॉ. अनुपमा देशमुख और पदाधिकारियों ने घटना की तीव्र शब्दों में निंदा की है. आईएमए के आवाहन पर कल सबेरे 6 बजे से 24 घंटे का राष्ट्रव्यापी बंद भी रखा गया है. इसके अलावा अमरावती में आज दोपहर 2 बजे डॉक्टर्स, मेडिकल प्रोफेशन से जुडे सभी लोग, नर्सेस, फार्मासिस्ट ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. अमरावती मंडल ने आईएमए की अध्यक्ष डॉ. अनुपमा देशमुख से बात की. वे कोलकाता की घटना पर अत्यंत क्रोधित नजर आई. डॉ. देशमुख ने बहुत ही साफ लफ्जों में कहा कि हमें पॉलिटिक्स से कोई लेना देना नहीं है. महिलाओं पर अत्याचार कदापि सहन नहीं किया जाएगा. आज पूरे भारत की नारी के सम्मान का प्रश्न है. आरोपियों को फांसी की सजा होनी ही चाहिए. इससे कम पर हम राजी नहीं होगे. देश में महिला फिर वह डॉक्टर हो या गृहणी उसके सम्मान की रक्षा सभी का कर्तव्य है. हमारी शासन और प्रशासन से यही मांग है कि ऐसे सभी मामलों में तेजी से जांच हो और आरोपियों को सरेआम फांसी पर लटकाया जाए. उससे बिना ऐसी घटना शायद नहीं रुकेगी. महिलाओं की सुरक्षा स्कूल, कॉलेज हो या घर दफ्तर सभी जगह सुनिश्चित की जानी चाहिए. महिलाएं सुरक्षित होगी तो ही देश प्रगतिशील होकर गर्व से सिर उठा सकेगा. आईएमए के आंदोलन का राजनिती से लेना देना नहीं होने का पुनरुच्चार करते हुए डॉ. देशमुख ने कल शनिवार 17 अगस्त को सबेरे 6 बजे से आयोजित राष्ट्रव्यापी चिकित्सा हडताल के लिए भी जनसमर्थन की अपेक्षा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आईएमए ऐसी प्रत्येक घटना का कडे शब्दों में विरोध और भर्त्सना करता है.

सबूत मिटाने की कोशिश और भी निंदनीय
आईएमए की सचिव डॉ. शर्मिष्ठा बेले ने आरजी मेडिकल कॉलेज कोलकाता में ड्युटी पर तैनात चेस्ट मेडिसीन की युवा स्नातकोत्तर छात्रा के साथ क्रूर बलात्कार व हत्या का निषेध करते हुए कहा कि इस भयावह घटना ने चिकित्सा समुदाय और देश को झकझोर कर रख दिया है. इसके विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर पहले ही हडताल पर है. इंडियन मेडिकल असो. ने देश भर में आंदोलन और विरोध मार्च आयोजित किए है. मेडिकल कॉलेज में 15 अगस्त को एक भीड ने तोडफोड की और सबूत मिटाने की कोशिश की. यह घटना और भी निंदनीय है. डॉक्टर शर्मिष्ठा ने अमरावती मंडल से कहा कि वह सभी नागरिकों से कल के आंदोलन हेतु समर्थन चाहती है. अपराध की शिकार महिला डॉक्टरों के परिवारों को न्याय दिलाने के लिए आईएमए कोई कसर बाकी नहीं रखेगा. उसी प्रकार आईएमए सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार को डॉक्टरों तथा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए. इसके लिए आवश्यक हुआ तो उचित तंत्र स्थापित कर कानून में बदलाव भी करना चाहिए. यह घटनाक्रम डॉक्टर्स, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बढते खतरे और चिकित्सा सेवा में सुरक्षा को आवश्यक अधोरेखित कर रहा है. इससे समय से सावधान हो जाना सभी के लिए आवश्यक है. महिलाओं पर अत्याचार अंबानगरी कदापि सहन नहीं करने वाली.

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