ठंड या पित्त के चलते दिनभर होता है सिरदर्द
अमरावती/दि. 9– कई बार ठंड का प्रभाव बढते ही कुछ लोगों को सिरदर्द की तकलीफ होनी शुरु हो जाती है. जिसके चलते सर्दियों के मौसम दौरान शरीर में उष्णता निर्माण करनेवाले पदार्थों के साथ ही रोग प्रतिकार शक्ति बढानेवाले पदार्थों का सेवन करने पर ठंड की वजह से होनेवाले सिरदर्द की तकलीफ से मुक्ति पाई जा सकती है. आयुर्वेद के अनुसार ठंड वाले दिनों में तुलसी व अद्रक वाली ब्लैक टी तथा रात में सोते समय हलदी वाला दूध पीना लाभदायक साबित होता है.
* ठंड से क्यों होता है सिरदर्द?
ठंडी के मौसम दौरान वातावरण काफी सर्द हो जाता है. जिसके चलते शरीर में वातदोष का प्रमाण बढने के साथ ही सिरदर्द की तकलीफ होनी शुरु हो जाती है.
* आंखों के पोरों में भी दर्द
शरीर में रक्तदाब के बढने की वजह से सिरदर्द होने के साथ ही आंखों के पोरों में भी दर्द होना शुरु हो जाता है और आंखों की वजह से तकलीफ होने लगती है.
* सर्दियों में संकुचित हो जाती है रक्त वाहिनियां
सर्दियों के मौसम दौरान शरीर की रक्त वाहिनियां कुछ हद तक संकुचित हो जाती है. जिसके चलते शरीर के अवयवों को सुचारु रुप से रक्त आपूर्ति नहीं होती. जिसके चलते हाथ-पैर का सुन्न होना व शरीर का भारी होना जैसे लक्षण दिखाई देते है.
* वात व पित्तवर्धक पदार्थों का भी परिणाम
सर्दियों के मौसम दौरान शरीर को स्वास्थवर्धक आहार की जरुरत होती है. परंतु कई बार बाहर भोजन करने की वजह से वात एवं पित्त में वृद्धि हो जाती है. इससे भी सिरदर्द का प्रमाण बढता है.
* आहार में पुदिना, अद्रक व काली मिर्च गुणकारी
शितकाल के दौरान ठंड से बचाव करने हेतु आहार में उष्ण गुणधर्म रहनेवाले अद्रक, काली मिर्च व पुदिना का समावेश करना चाहिए.
सर्दियों वाले मौसम में सर्दी-खांसी व जुकाम का प्रमाण बढ जाता है. साथ ही सिरदर्द की तकलीफ भी होती है. जिसके चलते शरीर में उष्णता व रोग प्रतिकार शक्ति बढानेवाले पदार्थों का सेवन करन करना चाहिए.
– डॉ. अनिकेत गोंडाणे, स्वास्थ विशेषज्ञ.