अमरावतीमहाराष्ट्र

दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल मुख्याध्यापिका सुनीता पाटिल ने दम तोडा

तलेगांव दशासर मार्ग पर सातेफल फाटा के पास हुआ था हादसा

चांदुर रेलवे/दि.15 – तीन दिन पूर्व 12 अप्रैल को चांदूर रेलवे-तलेगांव मार्ग पर सातेफल फाटा के पास जिला परिषद स्कूल धानोडी की मुख्याध्यापिका तथा अखिल भारतीय अध्यापक संघ की महिला मोर्चा की सक्रिय पदाधिकारी सुनीता किरण पाटिल (54) सुबह स्कूल जाते समय हुई दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल हो गई थी. सुनीता पाटिल को चारपहिया वाहन चलाते समय अचानक झपकी आ गई, जिससे उनका वाहन से संतुलन बिगड गया और वाहन एक बिजली के खंभे से टकरा गया. दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल सुनीता पाटिल को अमरावती रेफर किया गया था. जहां उपचार के दौरान उन्होंने सोमवार 14 अप्रैल की शाम 7 बजे दम तोड दिया. वह अमरावती के नवाथे नगर की निवासी और अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ की राज्य उपाध्यक्ष किरण पाटिल की पत्नी थीं.वाहन की टक्कर इतनी भयंकर थी कि सुनीता पाटिल का डेढ़ से दो दिन तक लगातार खून बहता रहा. सुनीता पाटिल और उनके पति किरण पाटिल दोनों शिक्षक संघ का नेतृत्व करते हैं, इसलिए उनके काफी मित्र हैं. शनिवार को जब सुनीता पाटिल की दुर्घटना की खबर जिला परिषद प्रशासन में फैली तब अनेक लोग अमरावती शहर के निजी अस्पताल पहुंच गये. शिक्षा विभाग के शिक्षा अधिकारी, समूह शिक्षा अधिकारी, व्याख्याता, विस्तार अधिकारी, केंद्र प्रमुख और कई शिक्षकों ने उनसे मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. दुर्घटना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचने के कारण देर शाम तक रक्तस्राव को नियंत्रित करना मुश्किल था. यह देखते हुए परिवार के मित्रों ने रक्तदान के लिए लाइन लगा दी. चूंकि मरीज को लगातार रक्तस्राव हो रहा था, इसलिए परिवार की पहल पर तीस से अधिक रक्तदाताओं ने रक्तदान कर अपनी मित्रता दिखाई. इन तमाम प्रयासों के बावजूद सोमवार शाम को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उनके पश्चात परिवार में पति किरण पाटिल, बेटी तनुश्री, सास और भरापूरा शोकाकुल परिवार है. 15 अप्रैल को दोपहर 1 बजे अमरावती के हिंदू श्मशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

* मामा का अंतिम संस्कार और सास की सर्जरी
आठ दिन पहले सुनीता पाटिल की सास लीलाबाई पाटिल की सर्जरी हुई थी. इसके अलावा, उनके मामा पंजाबराव रडके का भी शुक्रवार, 11 अप्रैल को निधन हो गया. चर्चा है कि यह दुर्घटना सुबह स्कूल जाते समय लगातार गर्मी के चलते नींद पूरी न होने के कारण हुई.

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