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‘एचएमपीवी’ के खतरे को लेकर हाई अलर्ट पर स्वास्थ्य महकमा

इर्विन में 20 बेड वाले स्वतंत्र वार्ड की व्यवस्था

* मनपा व जिला स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा की जा रही जनजागृति
* स्वास्थ्य सेवा संचालक द्वारा गाइडलाइन भी हुई जारी
अमरावती/दि.7 – इस समय चीन में ‘एचएमपीवी’ नामक विषाणु से संसर्गजन्य बीमारी फैल रही है. जिसके भारत में भी फैलने का खतरा बना हुआ है. क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में कर्नाटक में तीन माह की बच्ची व 8 माह के बच्चे तथा गुजरात में दो माह के बच्चे को ‘एचएमपीवी’ संक्रमित पाया है. ऐसे में इस बीमारी के खतरे को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य सेवा संचालनालय द्वारा आवश्यक गाइड लाइन जारी कर दी गई है. जिसके मद्देनजर जहां एक ओर जिला सामान्य अस्पताल में ‘एचएमपीवी’ संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु 20 बेड की क्षमता वाले स्वतंत्र वार्ड की व्यवस्था की गई है. वहीं दूसरी ओर मनपा एवं जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बीमारी को लेकर जनजागृति करने हेतु शहर सहित जिले में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक बेहद सामान्य विषाणु है, जो श्वसन मार्ग के जरिए संक्रमण को पैदा करता है, जो सामान्यता आरएसवी व फ्ल्यू की तरह सर्दी व गर्मी की शुरुआत में होता ही है. ऐसे में इससे बहुत अधिक डरने या घबराने की जरुरत नहीं होती, लेकिन सतर्क रहते हुए सावधानी बरतना बेहद आवश्यक होता है. ऐसे में सावधानी व सतर्कता के उपाय हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा मार्गदर्शक निर्देश जारी किये गये है. जिनका पालन करने का आवाहन भी सभी से किया गया है.

* क्या है एचएमटीवी वायरस
यह वायरस सर्वप्रथम वर्ष 2001 के दौरान निदरलैंड में पाया गया था. मानवी मेटान्यूमोवायरस यानि ‘एचएमपीवी’ वायरस एक सामान्य श्वसन विषाणु है. जिसके चलते श्वसन मार्ग के उपरी हिस्से में सर्दी, जुखाम जैसा संसर्ग होता है. जोकि एक मौसमी बीमारी है और सामान्यता आरएसवी व फ्ल्यू की तरह सर्दी व गर्मी के सीजन की शुरुआत में होती है. इस समय चीन में इस वायरस की वजह से होने वाली बीमारी का संक्रमण काफी तेज है. जिसके चलते समूचे विश्व में कोविड की महामारी की तरह चिंता देखी जा रही है. यद्यपि महाराष्ट्र में इस बीमारी से संक्रमित अब तक एक भी मरीज नहीं पाया गया है, लेकिन इसके बावजूद सावधानी के उपाय के तौर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मार्गदर्शक निर्देेश भी जारी किये गये है.

* शहर अथवा जिले में कही पर भी ‘एचएमपीवी’ वायरस के संक्रमित मरीज नहीं पाये गये है. लेकिन इसके बावजूद किसी भी संभावित स्थिति से निपटने हेतु तमाम आवश्यक तैयारियां पहले से की जा रही है. जिसके तहत जिला सामान्य अस्पताल में 20 बेड की व्यवस्था की गई है. साथ ही राज्य टाक्स फोर्स की ओर से दिये गये निर्देशों का कडाई से पालन किया जा रहा है.
– डॉ. दिलीप सौंदले,
जिला शल्य चिकित्सक,
जिला सामान्य अस्पताल.

* ‘एचएमपीवी’ वायरस के संभावित खतरे से निपटने हेतु किये जाने वाले प्रतिबंधात्मक उपायों के संदर्भ में मनपा द्वारा एक समीक्षा बैठक ली गई है तथा आम जनता के नाम वीडियो संदेश प्रसारित करते हुए अपील भी जारी की गई है. इसके अलावा मनपा के सभी दवाखानों में सर्दी-खासी व जुखाम जैसी बीमारियों से संबंधित दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही साथ स्वच्छता विभाग को शहर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश भी जारी किया गया है.
– डॉ. विशाल काले,
स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी,
अमरावती मनपा.

* जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘एचएमपीवी’ वायरस का संक्रमण न फैल पाये, इस बात के मद्देनजर तहसील एवं ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने के साथ ही आम नागरिकों को भी इस बीमारी के संदर्भ में जागरुक किया जा रहा है. जिसके तहत बीमारी से बचने हेतु क्या करें और बीमारी का संक्रमण न फैल पाये, इस हेतु क्या न करे की जानकारी भी जारी की गई है. जिस तरह सभी के सहयोग से हमने कोविड की महामारी को हराया, उसी तरह साझा सहयोग से इस नई बीमारी के खतरे से भी निपटा जाएगा.
– डॉ. सुरेश आसोले,
जिला स्वास्थ्य अधिकारी,
जिला परिषद, अमरावती.

* क्या करें?
– खांसते, छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल, टिशू पेपर से ढकें.
– हाथों को अक्सर साबुन और पानी या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से धोएं.
– भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें.
– बुखार, खांसी, छींक आने पर सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें.
– संक्रमण को कम करने के लिए सभी स्थितियों में बाहरी हवा के साथ पर्याप्त वेंटिलेशन की सिफारिश की जाती है.
– लोगों को घर पर रहने और बीमार होने पर दूसरों के साथ संपर्क सीमित करने की भी सलाह दी गई है.
– खूब पानी पीने और पौष्टिक भोजन खाने की भी सलाह दी गई है.

* क्या न करें?
– लोगों को सलाह दी जाती है कि वे टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल न करें.
– बीमार व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क, तौलिये, लिनन आदि का साझा न करें.
– आंखों, नाक और मुंह को बार-बार न छूएं.
– सार्वजनिक स्थानों पर थूकना और चिकित्सक से परामर्श किए बिना स्वयं दवा न लें.

* स्वास्थ्य सेवा संचालक ने 3 जनवरी को ही जारी की गाइडलाइन
चीन में एचएमपीवी वायरस की वजह से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए राज्य में इस बीमारी का संक्रमण फैलने से रोकने हेतु राज्य के स्वास्थ्य सेवा संचालक डॉ. नितिन अंबाडेकर द्वारा विगत 3 जनवरी को ही सभी स्वास्थ्य उपसंचालकों, जिला स्वास्थ्य अधिकारियों व जिला शल्य चिकित्सकों के नाम पत्र जारी करते हुए प्रतिबंधात्मक उपायों के संदर्भ में आवश्यक गाइडलाइन जारी की गई है. जिसके तहत बताया गया कि, वर्ष 2023 की तुलना में दिसंबर 2024 में राज्य में श्वसन संबंधित संक्रमण जैसी बीमारियों को लेकर कोई वृद्धि नहीं हुई है. साथ ही महाराष्ट्र में अब तक एचएमपीवी वायरस से संक्रमित कोई मरीज भी नहीं पाया गया है.

* भीडभाड वाले स्थान पर मास्क का प्रयोग जरुरी
वहीं इस संदर्भ में मनपा के शहरी संक्रामक रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. रुपेश खडसे ने बताया कि, एचएमपीवी नामक वायरस के संक्रमण से घबराने की कोई जानकारी नहीं है. बल्कि सर्दी-जुकाम होने पर तुरंत ही अपनी स्वास्थ्य जांच कराये तथा भीडभाड वाले स्थानों पर जाते समय मास्क का प्रयोग करने के साथ ही सोशल डिस्टंसिंग का प्रयोग करे.

* कोविड त्रिसुत्री को याद रखना आवश्यक
वहीं इस संदर्भ में मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे, अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाइक व उपायुक्त मेघना वासनकर ने अमरावती शहरवासियों से आवाहन करते हुए कहा है कि, कुछ वर्ष पहले ही हम सभी ने कोविड जैसी महामारी का सामना किया और त्रिसुत्री के नियम का पालन करते हुए उस महामारी को खत्म किया. ऐसे में एचएमपीवी नामक वायरस के खतरे से बचने के लिए भी कोविड त्रिसुत्री के नियमों का ही पालन करना आवश्यक है. जिसके तहत सैनेटाइजर से हाथ साफ करे, घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें और फिजिकल डिस्टंसिंग रखे.

* एचएमपीवी के संक्रमण को रोकने हेतु हाईकोर्ट में याचिका
वहीं एचएमपीवी नामक वायरस के प्रसार को रोकने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी से ही तमाम आवश्यक प्रतिबंधात्मक कदम उठाये जाये. इस आशय की मांग को लेकर कोर्ट मित्र एड. श्रीरंग भंडारकर द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि, छोटे बच्चों, युवाओं व बुजुर्ग नागरिकों को एचएमपीवी वायरस का खतरा अधिक है. साथ ही इस वायरस के संक्रमण पर अब तक कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते इस वायरस का संक्रमण फैलने पर पीडियाट्रीक व रेस्पेटेयरी केयर यूनिट, ऑक्सीजन थेरेपी, आईसीयू बेड व डाग्नोस्टीक टेस्टिंग को तैयार रखना होगा. साथ ही समाज में एचएमपीवी का प्रसार होने से रोकने हेतु जनजागृति करने की भी जरुरत है. ऐसे में राज्य के स्वास्थ्य विभाग को सतर्कता के आदेश देने के साथ ही टास्क फोर्स का गठन भी किया जाना चाहिए.

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