अमरावती

प्रशिक्षण प्राप्त परिचारिका को नकारा

जिला स्वास्थ्य विभाग की करतुत

  • प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष आसीफ तवक्कल ने सीएस से की मुलाकात

अमरावती/दि. 12 – स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल के अधिनस्थ कार्यालय परिचारिका प्रशिक्षण संस्था में जीएनएम प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण लेने के लिए एक मुस्लिम छात्रा का चयन होने के बाद दो माह तक प्रशिक्षण दिया गया,लेकिन सोमवार को प्रशिक्षण केन्द्र की प्राचार्या मालधुरे ने अचानक उसे प्रशिक्षण देने से इनकार कर दिया. छात्रा के साथ हुए अन्याय की जानकारी मिलते ही महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सचिव मो. आसीफ तवक्कल ने जिला शल्य चिकित्सक डॉ.श्यामसुंदर निकम से मुलाकात कर संबंधितों को निलंबित कर कार्रवाई करने की मांग की.
जानकारी के मुताबिक नशरा फातेमा राजदार खान नामक छात्रा को नियमों के अनुसार जीएनएम प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण के लिए आवेदन दायर किया. गुणवत्ता सूची व मुलाकात के बाद नशरा फातेमा का चयन किया गया. 97 उम्मीदवारों में से 20 उम्मीदवारों का चयन किया गया. जिसमें से नशरा फातेमा ने सभी मूल दस्तावेज भी जांच समिति के समक्ष पेश किए. 27 अक्तूबर 2021 को 6 सदस्यीय समिति ने जांच के बाद नशरा को पात्र बताया. जिसके बाद चयन किए गये उम्मीदवारों का ब्यौरा मुंबई आयुक्त कार्यालय भेजा गया. जिसमें ईडब्ल्यू कोटे से नशरा फातेमा को प्रशिक्षण के लिए मान्यता दी गई और नशरा ने रोजाना प्रशिक्षण केन्द्र में हाजिरी लगाकर प्रशिक्षण शुरू किया, लेकिन सोमवार को जब नशरा महाविद्यालय पहुंची तब प्राचार्या मालधुरे ने उसे प्रशिक्षण लेने के लिए अचानक इनकार कर दिया. अंतिम चयन सूची में केवल 19 उम्मीदवारों ने बेसहारा खनाबदोषा का अशाीर्वाद प्राप्त किया.

प्रशिक्षण प्राप्त परिचारिका… का ही चयन किया गया. इस सूची में नशरा का नाम नहीं था. मेहनत और लगन से पढाई के बाद प्रशिक्षण केन्द्र के बाहर करने की जानकारी मिलने के बाद मायूस नशरा ने यह बात अपने परिजनों को बताई. परिजनों में मो. आसीफ तवक्कल के साथ मिलकर सीएस डॉ. श्यामसुदर निकम से मुलाकात की और संबंधितों पर निलंबन की कार्रवाई कर छात्रा को न्याय देने की मांग की. इस अवसर पर आसीफ तवक्कल के नेेतृत्व में हाजी रफीक, अब्दुल नसीम, राजदार खान आदि उपस्थित थे.

आयु मर्यादा जांच में गड़बड़ी

परिचारिका प्रशिक्षण केन्द्र में चयन करते वक्त उम्मीदवार की उम्र 17 वर्ष पूरी होना अनिवार्य है, लेकिन नशरा फातेमा को 17 वर्ष पूरे होने में दो माह का समय है . नशरा ने प्रशिक्षण केन्द्र में प्रवेश के वक्त सभी दस्तावेज पेश किए. जिसमें उम्र स्पष्ट तौर पर लिखी हुई थी, लेेकिन जांच समिति के साथ ही अन्य किसी ने भी इस बात पर ध्यान नही दिया. नतीजन नशरा को प्रवेश नहीं मिल पाया. सीएस डॉ. निकम ने बताया कि वरिष्ठों पर इस गलती की जानकारी दी गई है. प्रशिक्षण से बाहर करने की जानकारी मिलने के बाद नशरा फातेमा और उसका परिवार बेहद सदमें में है. नशरा ने अपने भविष्य को लेकर कई उम्मीदे लगा रखी थी, लेकिन परिचारिका प्रशिक्षण महाविद्यालय की प्राचार्य और संबंधितों की लापरवाही से एक मुस्लिम छात्रा के भविष्य से खिलवाड किया गया.

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