चांदूर बाजार/दि.15-इस वर्ष समय से पहले ही नवरात्रि में सीताफल बाजार में पहुंचे है. आम तौर पर दिवाली के समय बाजार में सीताफल दिखाई देते है. रसीले और मीठे स्वादिष्ट सीताफल खुद खाने के साथ साथ अपने रिश्तेदारों को भी भेज रहे हैं. पूर्णत: प्राकृतिक तरीके से तैयार हुआ यह मीठा व रसीला फल स्वास्थ्यवर्धक तथा रोग प्रतिरोधक शक्ति बढाने वाला है.
कोई रासायनिक प्रक्रिया किए बिना पेड पर ही पके इन फलों को दूर-दूर के शहरों से बडी डिमांड रहती है. मेलघाट तथा चांदूर बाजार तहसील के सतपुडा पहाडी की तलहटी में प्राकृतिक अधिवास में घाटलाडकी, रेडवा, चिचकुंभ, वणी, विश्रोली, काजली देऊरवाडा, ब्राम्हणवाडा थडी, कारंजा बहिरम तथा पूर्णा नदी के किनारे सीताफलों के पेड हैं. कम पानी व निश्चित आय देने वाला यह सीताफल गत कुछ वर्षों से किसानों के लिए पहली पसंद बन गया है. इसलिए किसान खेत के मेड तथा संतरे के बागों की तरह सीताफलों के बाग लगा रहे हैं. तहसील में दिन ब दिन सीताफल की खेती बढती जा रही है. हमेशा अक्टूबर माह में बाजार में आने वाले सीताफल इस वर्ष सितंबर माह के दूसरे सप्ताह से बाजार में आए हैं.
चांदूर बाजार के साप्ताहिक बाजार में सीताफल के अडते खरीदी के लिए बैठते हैं. ग्राहक दशहरा- दीपावली की भेंट के तौर पर बडे शहरों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को सीताफल भेजते हैं. शहर के किसी भी सड़क के किनारे देखें तो सीताफल बेचने वाली दूकानें लगी हैं. बाजार में सीताफल खरीदी के लिए ग्राहकों की बड़ी भीड़ दिखाई दे रही है.
पाचन शक्ति बढाता है.
डॉक्टरों के मुताबिक सीताफल स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ कैल्शियम और फाइबर जैसे विविध पोषक तत्वों से समृद्ध है. यह फल रोगप्रतिरोधक शक्ति व पाचन शक्ति बढाता है साथ ही हड्डियां मजबूत तथा संधीवात, बदहजमी जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है.