अमरावतीमहाराष्ट्र

27 को शिक्षक सहकारी बैंक के 5 विपक्षी संचालकों की सुनवाई

हाईकोर्ट के फैसले की ओर लगी सभी शिक्षकों की निगाहें

अमरावती/दि.21– स्थानीय जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक के 5 संचालकों को पद से बर्खास्त किये जाने से संबंधित मामले की सुनवाई एक बार फिर आगे टल गई है, जो अब आगामी शुक्रवार 27 सितंबर को होगी. ऐसे में मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में होने जा रही सुनवाई के बाद अदालत द्वारा क्या फैसला सुनाया जाता है. इस ओर सभी की निगाहे लगी हुई है.
बता दें कि, बैंक के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए बैंक के सत्ताधारी संचालकों ने 5 विपक्षी संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए उन्हें पद से हटा दिया था. जिसके बाद इस मामले को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर विगत 12 सितंबर को सुनवाई होनी थी. परंतु किसी अपरिहार्य कारणों के चलते इस सुनवाई को 26 सितंबर तक आगे ढकेल दिया गया. ज्ञात रहे कि, अविश्वास प्रस्ताव पारित कर पद से हटाये गये संचालकों ने मंगेश खेरडे प्रभाकर झोड, गौरव काले, मनोज चोरपगार व संजय नागे इन पांच संचालक शिक्षकों का समावेश है. जिनके खिलाफ की गई कार्रवाई को पीछे लेने से संबंधित प्रस्ताव शिक्षक बैंक की हाल ही में संपन्न आमसभा में लिया गया. परंतु फिलहाल यह मामला न्यायप्रविष्ठ रहने के चलते अब अदालत के निर्णय को ही अंतिम माना जाएगा.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक दो वर्ष पहले हुए जिला शिक्षक सहकारी बैंक के आम चुनाव के पश्चात पांचों संचालक अलग-अलग तहसील निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आये थे. परंतु वे विपक्षी सीटों पर रहने के चलते सत्ताधारी संचालक मंडल ने उनके खिलाफ 4 जनवरी 2024 को हुई संचालक मंडल की सभा दौरान अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई की. हालांकि यह कार्रवाई बदले की भावना से प्रेरित रहने की बात कई सदस्यों द्वारा कही गई है. जिसके चलते बैंक के पूर्व अध्यक्ष किरण पाटिल ने विगत आमसभा में इस कार्रवाई को पीछे लिये जाने की मांग उठाई और उनके द्वारा रखे गये प्रस्ताव को आम सभा ने सर्वसम्मति के साथ पारित भी किया. वहीं अब सभी का ध्यान इस बात की ओर लगा हुआ है कि, इस मामले को लेकर आगामी शुक्रवार 27 सितंबर को हाईकोर्ट द्वारा क्या फैसला सुनाया जाता है. क्योंकि यद्यपि आमसभा ने अविश्वास प्रस्ताव के तहत की गई 5 संचालक की पदमुक्तता की कार्रवाई को आम सहमति के साथ रद्द किये जाने को मंजूरी दी है. लेकिन अब इस मामले में अदालती फैसला ही अंतिम हो जाएगा. इसके चलते सभी की निगाहे अब अदालती फैसले की ओर लगी हुई है.

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