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डिजिटल हस्ताक्षर व्दारा लाखों की हेराफेरी का मामला
अमरावती/दि.17 – धारणी तहसील के 6 ग्रामपंचायत के ग्रामसेवकों की शिकायत के आधार पर राज इम्फ्राटेक कंपनी के संचालक अनिल खडसे और सिध्दार्थ मनोहरे के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस ने धोखाधडी का अपराध दर्ज किया. तब से दोनों ठगबाज पुलिस की आँख में ध्ाुल झोंककर फरार हो गए. दोनों ने अदालत में गिरफतारी से पूर्व अग्रीम जमानत के लिए याचिका दायर की थी. इसपर बुधवार के दिन सुनवाई होना था. मगर 21 मार्च को सुनवाई ली जाएगी.
बता दें कि, 15 वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त निधि खर्च करते समय ऑनलाइन प्रक्रिया करना जरुरी है. ग्रामसेवकों के निर्देशों का पालन किये बगैर निजी आपूर्ति धारकों को कम्प्यूटरीकृत हस्ताक्षर (डीएचसी) सौंपकर विविध प्रक्रिया करने की मानो पूरी छूट ही मिली हो, ऐसे राज इन्फ्राटेक के संचालक अनिल खडसे व सिध्दार्थ मनोहरे ने डीएससी का अपने मनमर्जी से उपयोग किया व करोडों रुपए नियमबाह्य पध्दति से ग्राम पंचायत की शासकीय निधि अन्य खातों में भेजी. धारणी तहसील के मांगीया, बिजुधावडी, चौराकुंड, घुटी, टिटंबा, काकरमल इन ग्राम पंचायतों के ग्रामसेवकों की शिकायत के आधार पर धारणी व अमरावती में आरोपियों पर 4 मामले दर्ज किये गए हैं. ठगबाजी लाखों रुपए की होने के कारण मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा पुलिस को सौंपी गई. मगर पुलिस दोनों को गिरफ्तार नहीं कर पायी. दोनों ही आरोपियों ने गिरफ्तारी से पूर्व अग्रीम जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर की. इसपर बुधवार के दिन सुनवाई होने वाली थी, मगर बचाव पक्ष की ओर से अधिक समय की मांग की गई. जिससे अब 21 मार्च को दोनों आरोपियों की जमानत पर सुनवाई ली जाएगी. दोनों आरोपियों की जमानत रद्द की जाए, इसके लिए आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने अदालत में ‘से’ दायर किया है. जिससे फरार दोनों आरोपियों की मुश्किले बढते दिखाई दे रही है.