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मनपा में हुई प्रभाग रचना की आपत्तियों पर सुनवाई

दोपहर तक 292 में से 180 आपत्तिकर्ता हुए उपस्थित

* प्रभाग रचना को लेकर 261 व प्रभागों के नामों को लेकर 31 आपत्तियां हुई है दर्ज
* सुनवाई पश्चात मुंबई जायेगी रिपोर्ट, 2 मार्च को अंतिम प्रभाग रचना होगी घोषित
अमरावती/दि.21– विगत 31 जनवरी को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रभाग रचना की संशोधित सूची घोषित की गई थी. जिस पर 1 फरवरी से 14 फरवरी के दौरान नागरिकों से आपत्ति व आक्षेप मंगाये गये थे. जिसके चलते इस अवधि के दौरान प्रभाग रचना यानी प्रभागों में शामिल क्षेत्रों के विभाजन अथवा प्रभागों के परिसिमन को लेकर 261 आपत्तियां व आक्षेप प्राप्त हुए थे. वहीं 31 आपत्तियां प्रभागोें के नामों को लेकर थी. इन सभी 292 आपत्तियों पर आज मनपा के विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सभागार में सुनवाई हुई. जिसमें राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से प्राधिकृत अधिकारी के तौर पर माधुरी चवरे (खोंडे) उपस्थित थी. साथ ही इस सुनवाई में विभागीय आयुक्त कार्यालय के अपर आयुक्त निलेश सागर, अतिरिक्त जिलाधीश रामदास सिध्दभट्टी, मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर व मनपा उपायुक्त सुरेश पाटील भी उपस्थित थे.
प्रभाग रचना को लेकर यह सुनवाई बेहद कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई. इसके तहत डॉ. आंबेडकर सभागार में आज सुबह संबंधित अधिकारियों के मंचासीन होने के बाद केवल मनपा के निर्वाचन विभाग से संबंधित चुनिंदा अधिकारियोें व कर्मचारियों को ही सभागार में आने-जाने की अनुमति प्रदान की गई. साथ ही एक-एक शिकायतकर्ता के नाम का पुकारा करते हुए उन्हें सभागृह के भीतर भेजा जा रहा था. जहां पर हर आपत्तिकर्ता द्वारा दर्ज कराये गये आपत्ति व आक्षेप को विस्तार के साथ सुना गया. अपरान्ह 4.30 बजे तक 292 में से 180 नागरिकों ने प्रत्यक्ष उपस्थित रहकर निर्वाचन आयोग द्वारा प्राधिकृत किये गये अधिकारियों के समक्ष अपनी आपत्तियों व आक्षेपों को विस्तार के साथ रखा. इन सभी आपत्तियों व आक्षेपों पर सुनवाई पूर्ण होने के बाद इससे संबंधित रिपोर्ट अब राज्य निर्वाचन आयोग के पास भेजी जायेगी. जिसके आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी 2 मार्च को अंतिम प्रभाग रचना घोषित की जायेगी.
* आंबेडकर सभागृह सहित मनपा परिसर में कडा पुलिस बंदोबस्त
प्रभाग रचना को लेकर होनेवाली सुनवाई के मद्देनजर आज मनपा परिसर में चहुंओर कडा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था और सुरक्षा को लेकर बेहद चाक-चौबंद इंतजाम किये गये थे. इसके तहत मीडिया को भी डॉ. आंबेडकर सभागार में प्रवेश नहीं दिया गया और सुनवाई के दौरान आपत्ति दर्ज करानेवाले किसी भी व्यक्ति को सभागृह के भीतर फोटो अथवा वीडियो निकालने की अनुमति नहीं दी गई थी और एक समय में एक ही आपत्तिकर्ता को भीतर प्रवेश दिया गया.

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