अमरावती

मनपा कर्मियों के ठेके को लेकर सोमवार को सुनवाई

अमरावती 21 – मनपा के विविध विभागो में मनुष्यबल उपलब्ध कराने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निकाली गई निविदा प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप मनपा पर लगा है. अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को मामला हाईकोर्ट में रहते ठेका देने के मामले में अदालत द्वारा मनपा से जवाब मांगा गया था. 13 जनवरी को जवाब दाखिल करने के बाद अब इस प्रकरण में सोमवार 23 जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई होनेवाली है.
बता दें कि अमरावती मनपा के विविध विभागो में 351 कर्मचारी है. सभी विभागों में कर्मचारी मुहैया कराने का ठेका अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को मनपा प्रशासन द्वारा दिया गया है. मनपा के विभागों में मनुष्यबल उपलब्ध कराने का काम ठेका प्रणाली से दिया गया था. वर्ष 2021 में निविदा प्रक्रिया के तहत यह ठेका नोएडा की कंपनी इटकॉन को एक साल के लिए दिया था. एक वर्ष पूर्ण होने के बाद वर्ष 2022 में मनुष्यबल उपलब्ध कराने का ठेका देने 28 करोड रुपए की निविदा निकाली. लेकिन निविदा प्रक्रिया में दी गई शर्तो का उल्लंघन करते हुए मनुष्यबल उपलब्ध कराने का ठेका अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को दिया गया. ठेके की प्रक्रिया पूर्ण कर वर्कऑर्डड़ देते समय नियमों का उल्लंघन होने का आरोप कर स्थानीय जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था ने इस ठेके के विरोध में मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की. न्यायालय ने सर्वप्रथम मनपा के इस ठेके पर जैसे थे के आदेश दिए थे. लेकिन अदालत के इस निर्देश के बावजूद संबंधित ठेकेदार द्वारा कुछ कर्मियों को काम पर लिया गया. यह बात हाईकोर्ट के ध्यान में आने पर 23 नवंबर को न्यायमूर्ति रोहित देव व वाई.जी.खोब्रागडे की बेंच ने मनपा आयुक्त को लिखित स्वरुप में जवाब देश करने के आदेश दिए. लेकिन मनपा द्वारा इसके लिए बार-बार समय मांगे जाने पर जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था के वकील एड. परवेज मिर्झा ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए मनपा द्वारा जवाब देने के लिए बार-बार बरती जा रही उदासीनता की बात ध्यान में ला दी. पश्चात मनपा की तरफ से अदालत के निर्देश पर 13 जनवरी को जवाब प्रस्तुत किया गया. अब इस प्रकरण में सोमवार 23 जनवरी को सुनवाई होनेवाली है. देखना है इस पर अदालत का निर्णय क्या होता है, उसी पर सभी का ध्यान केंद्रीत है.

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