जिले के 59 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उष्माघात कक्ष
जिला परिषद का अलर्ट, जिले का पारा 39 पर पहुंचने के कारण उपाय योजना

अमरावती /दि.25– अब तापमान बढता जा रहा है. अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. साथ ही आगामी तीन माह पारा अधिक बढने वाला है. इस कारण जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. सीईओ संजीता मोहपात्रा ने सभी 59 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उष्माघाट कक्ष स्थापित कर वहां आवश्यक दवाईयां भी रखने की सूचना दी है. स्वास्थ्य विभाग द्वार प्रत्येक पीएचसी में उष्माघात कक्ष सुसज्ज किया गया है.
हर वर्ष अप्रैल से जून माह में उष्माघात का प्रादुर्भाव होता है. जिले में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. उष्माघात टालने के लिए नागरिकों को भी सावधानी बरतने का आवाहन स्वास्थ्य विभाग ने किया है. साथ ही धूप से बचाव करने की सूचना दी गई है. हर घंटे में एक से डेढ ग्लास पानी पीने, नींबू शरबत, फल का ताजा रस, कैरी का पना, कोकम शरबत, छांछ, लस्सी आदि पदार्थ लेकर आराम करने और पतले और फिकट रंग के अथवा सफेद रंग के कपडे परिधान करने कहा गया है. इसी तरह लू से बचने के लिए उपाय योजना बतायी गई है. इसमें आवश्यकता नहीं हो, तो धूप में बाहर न घुमने, बाहर जाते समय गॉगल, टोपी, रुमाल, छत्री अथवा सनकोट का इस्तेमाल करें. यदि बाहर जाना आवश्यक रहा, तो धूप से सुरक्षा होने बाबत सावधानी रखे, ऐसा स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है.
* यह है लू के प्रमुख लक्षण
– ग्रीष्मकाल में शरीर का तापमान बढा, तो इसे उष्माघात कहते है.
– उलटी, बूखार, त्वचा सूखी पडना, भूख नहीं लगना, थकान, चक्कर आना, सिरदर्द आदि शिकायतें शुरु होती है.
– बेचैनी होती है और व्यक्ति बेवजह बडबडाता है. साथ ही पसीने के साथ पैर में गोले आते है और जीभ भारी हो जाती है.
– पेट में दर्द अथवा मरोडाना, रक्तदाब बढना, मानसिक बेचैनी और अस्वस्थता के साथ बेहोशी की हालत हो जाती है.
– लू से किसी की मृत्यु न होने के लिए जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपाय योजना की गई है.
* जिला अस्पताल के वार्ड नंबर 9 और 20 में विशेष कक्ष
मार्च माह से तापमान बढ गया है. मई माह तक पारा बढता रहेगा. शरीर के पानी का प्रमाण कम होना, कमजोरी बढना, काम कम किया तो भी अधिक थकान महसूस होती है. तापमान में बदलाव और बढती उष्णता में आवश्यक सावधानी नहीं बरती तो धूप के कारण निर्माण होेने वाली समस्या का सामना करना पड सकता है. इस कारण नागरिकों को ग्रीष्मकाल में स्वास्थ्य पर ध्यान रखने का आवाहन जिला अस्पताल यंत्रणा ने किया है. लू के मरीजों के लिए जिला अस्पताल के वार्ड नंबर 9 और 20 में विशेष कक्ष कार्यान्वित किया गया है.
* घर के बाहर निकलते ही सावधानी बरते
नागरिक घर के बाहर निकलते समय सावधानी बरते, लू की परेशानी महसूस होने पर वैद्यकीय सलाह के लिए अथवा निदान के लिए वैद्यकीय अधिकारियों की सलाह ले. छोटे बच्चे और वरिष्ठ विशेष रुप से सावधानी बरते.
– डॉ. सुरेश आसोले,
डीएचओ, जिप.