अमरावतीमहाराष्ट्र

बेमौसम बारिश से कपास को भारी नुकसान

हाथ आने वाली फसल बिनाई के अभाव में हो गई गीली

अमरावती/दि.9– एक माह पूर्व 10 दिन बेमौसम बारिश हुई थी. उस समय सर्वाधिक नुकसान हाथ आने वाली फसल कपास का हुआ था. अब फिर से कुछ क्षेत्र में बेमौसम बारिश शुरु होने से कपास की फसल बिनाई के अभाव में गीली हो गई है. इस कारण किसानों का भारी नुकसान हुआ है.

इस बार के खरीफ सत्र में कपास का 2.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र है. इसमें से 89 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के कपास का एक माह पूर्व हुई बेमौसम बारिश से भारी नुकसान हुआ है. जिले में 29 नवंबर से 7 दिसंबर के दौरान यह बारिश हुई थी. मजूदरों की कमी के कारण कुछ इलाकों का कपास गीला हो गया था. इस कारण कपास की प्रतवारी खराब हो गई. कपास की बिनाई 10 रुपए किलो के मुताबिक शुरु थी. दिसंबर में कपास भीगने के बाद भाव बढ गए और वर्तमान में 14 से 15 रुपए प्रतिकिलो बिनाई के भाव है. इस कारण कपास का उत्पादन खर्च बढ रहा है. इस तुलना में उत्पादन न रहने से किसान परेशान दिखाई देते हैं.

* मेलघाट,वरुड तहसील में बारिश
एक नया पश्चिमी चक्रवात 8 जनवरी को पश्चिमी हिमालय में टकराने की संभावना रहने से 9 जनवरी तक कुछ स्थानों पर मामूली बारिश की संभावना है. 6 जनवरी को मेलघाट समेत वरुड तहसील में 10 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है.

* इल्लियों से कपास की प्रतवारी घटी
तीन साल बाद इस बार कपास पर इल्लियों का प्रादुर्भाव बढने से कपास को नुकसान हो रहा है और इस कारण कपास की प्रतवारी खराब हुई है. ऐसी परिस्थिति में आगामी वर्ष के संभावित संकट को देखते हुए कुछ क्षेत्र में किसान कपास की खडी फसल पर ट्रैक्टर चलाने से इल्लियों का जीवनचक्र खंडित होने की संभावना है.

* वरुड तहसील में बेमौसम बारिश
वरुड तहीसल के छह राजस्व मंडल में शनिवार को तडके दो घंटे की बारिश ने संतरा उत्पादकों की चिंता बढाई है. मलनी की प्रतीक्षा की तुअर और बिनाई पर आया कपास भीगने से किसानों के मुंह का निवाला छिना गया है. संतरा, मोसंबी, कपास, तुअर, सब्जी की फसलों का भारी मात्रा में नुकसान होने से लाखों रुपए का नुकसान होने की संभावना निर्माण हो गई है. विदर्भ समेत संपूर्ण महाराष्ट्र में बारिश की संभावना मौसम विशेषज्ञों ने दर्शायी है. इस कारण बिनाई के लिए आया कपास और काटी गई तुअर के ढेर गिले हो गए. इस कारण तुअर और कपास का भारी मात्रा में नुकसान होने की संभावना है.

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