बेमौसम बारिश से परतवाडा तहसील में संतरे को भारी नुकसान
करोडों का नुकसान, राज्य शासन से मुआवजे की मांग
परतवाडा/दि.29– कभी तापमान में बढोतरी तो कभी रोग का प्रादुर्भाव, ओलावृष्टि से पेडों को क्षति, वातावरण में बदलाव का असर तो कभी संतरों का गिरना ऐसे अनेक संकट का सामना करते रहते पिछले दो दिनों से बेमौसम बारिश ने संतरा उत्पादक किसानों की चिंता काफी बढा दी है. संतरा तोडने की तैयारी शुरु रहते बेमौसम बारिश के कारण इस आंबिया बहार पर कहर ढा दिया है. संतरा उत्पादक किसानों का इस बारिश के कारण करोडों का नुकसान हुआ है.
अचलपुर तहसील के कुल 54 हजार 760 हेक्टेयर क्षेत्र की जमीन में से साढे ग्याहर हजार हेक्टेयर खेत जमीन पर 10 हजार से अधिक किसान संतरे का उत्पादन लेते हैं. इसमें भी 90 प्रतिशत संतरा उत्पादक आंबिया बहार पर अवलंबित रहते हैं. करोडों रुपए का व्यवहार संतरा उत्पादन से अचलपुर तहसील में होता है. देश-विदेश में यहां का संतरा भेजा जाता है. मृग के बाद आनेवाला आंबिया बहार हाथ से जाने का भय दो दिनों की बेमौसम बारिश ने संतरा उत्पादक किसानों में बढा दिया है. होने वाले नुकसान के लिए राज्य सरकार मेहरबान होती है अथवा नहीं यह कहने की नौबत इन किसानों में आ गई है.
* सालेपुर, एकलासपुर और हरम तक समानंतर स्थिति
अचलपुर तहसील के सालेपुर, पांढरी, मल्हारा, बेलखेडा, गौरखेडा कुंभी, वझ्झर, धामणगांव गढी, एकलासपुर, धोतरखेडा, हनवंतखेडा, देवगांव, वडगांव, परसापुर, हरम, टवलार, शिंदी आदि गांवों में संतरे की समानंतर परिस्थिति रहने की जानकारी पुरुषोत्तम जाधव व संजय उगले नामक किसानों ने दी.
* आंबिया बहार को दिया जाता है समय
नवंबर और दिसंबर माह में आंबिया बहार को समय दिया जाता है. लेकिन बेमौसम बारिश के कारण परेशानी बढ गई है. दिसंबर माह से बहार निकालने की तैयारी रहती है. लेकिन अब इस पर परिणाम होने से करोडों का नुकसान संतरा उत्पादकों का होने वाला है.
– राजेंद्र गोरले,
सभापति, उपजमंडी अचलपुर