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चाकर्दा केंद्र में हो रहा अन्याय
धारणी/दि.10 – न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत मेलघाट में मका की खरीदी की जा रही है. ग्रेड न रहते हुए भी कर्मचारी मका खरीदी करते समय आदिवासी किसानों से नापतौल में भारी हेराफेरी करते हुए प्रति क्विंटल 5 से 6 किलो अनाज की धोखाधडी कर रहे है. चाकर्दा केंद्र में किसानों पर हो रहे अन्याय और गलत तरीके से की जा रही मका खरीदी की शिकायत मनीष पारलीवार व रोहित कोल्हे ने वरिष्ठ अधिकारियों से की है.
धारणी व चिखलदरा तहसील में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आदिवासी विकास महामंडल नाशिक के प्रादेशिक कार्यालय धारणी व्दारा मका खरीदी में किसानों को भारी चुना लगाया जा रहा है. स्थानीय व्यापारियों के साठगांठ कर व पिछले वर्ष के मका के स्टॉक में आयी कमी का समतल बराबर करने के लिए अलग-अलग तरीके से किसानों को लूटा जा रहा हैं. चाकर्दा मका खरीदी केंद्र पर पुराने तराजू से मका का नापतौल किया जा रहा है. वजन करते समय लोहे का पलडा जमीन से छूने तक मका डाला जा रहा है. वजन के साथ दो बोरे रखे जा रहे है. इसके अलावा नियम के अनुसार विंग मशीन नहीं लगाई गई है. प्लेम प्रुफ रिचार्जेबल 10 ग्राम कैलीब्रेशन क्षमता की पेसोफिकेट सर्टीफाईड मशीन यहां पर उपलब्ध नहीं है.
कालबाह्य तराजू से मका तौली जा रही है और किसानों को लूट रहे है. रोहित कोल्हे ने धारणी के प्रादेशिक प्रबंधक से फोन पर बात करने का प्रयास करने पर उन्होंने बताया कि कार्यालय में आकर आमने सामने बात करों. इस वजह से कोल्हे नेे वरिष्ठ अधिकारियों से न्याय मांगा है. चाकर्दा केंद्र पर किसानों से अलग से रुपए मांगे जा रहे है. अनाज को ग्रेडिंग में लेने, माल तौलने, आगे नंबर लगाए जाने पर रुपए मांगे जा रहे है. जानकारी के अनुसार कई बगैर पढे लिखे आदिवासी किसानों को नेट सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसा बताकर टाला जा रहा है. चिखलदरा तहसील के चुरनी व चिखलदरा में भी आदिवासी किसानों को ऐसे ही लूटे जाने की शिकायत नरेंद्र टाले, संदीप अलोकार व सागर येवले ने दी है. चाकर्दा केंद्र पर किसान परलीवार का मका खरीदते समय संबंधित कर्मचारियों ने कई नियम बाह्य कारणामें किये है. केंद्र सरकार की योजनाएं ग्रामीण स्तर पर चलाते समय उनके उद्देश्य और नियमों की ओर मेलघाट में ध्यान नहीं दिया जा रहा है. देरी से मका खरीदी शुुरु कर व्यापारियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास भी कर रहे है.